एक साथ उठी 6 लोगों की अर्थी अंतिम संस्कार मे नम हुई सबकी आँखे, श्रम मंत्री लखन ने एक एक लाख रुपए सहायता प्रदान करने की घोषणा
आकाशवाणी.इन
महाकुंभ स्नान से पहले हादसे में हुई मौत, बस्ती में पसरा सन्नाटा
कोरबा मे 6 लोगों की अर्थी एक साथ उठी तो उपस्थित आम जनता की आँखों से आंसू छलक पड़े, महिलाओं की सिसकियां, रूदन और लोगों को सांत्वना देने वाले लोग भी इस गमगीन माहौल का हिस्सा बनते देखे गए. कलमीडुग्गू दर्री में रहने वाले 6 लोगों के पार्थिव शव को लेकर जब एंबुलेंस बस्ती पहुंची तो इस गमगीन माहौल मे अंतिम विदाई देने लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. स्थानीय मुक्तिधाम में सभी मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया। मृतको के नाम पर अमर रहे के नारे लगते रहे. इस मौके पर श्रम मंत्री लखन देवांगन ने मृतकों की आत्मा शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर प्रत्येक मृतकों के परिजनों को एक एक लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की.
दो दिन पहले मध्य रात्रि को मिर्जापुर-प्रयागराज हाइवे पर मैजा थाना क्षेत्र में हुए हादसे में कलमीडुग्गु बस्ती निवासी ईश्वरी प्रसाद जायसवाल, संतोष सोनी, भागीरथी जायसवाल, सोमनाथ, अजय बंजारे, सौरभ कुमार सोनी, गंगा दास वर्मा, शिव राजपूत, दीपक वर्मा, राजू साहू की मौत हो गई। मृतकों में से चार लोरमी और जांजगीर-चांपा जिले के थे जिनके शव वहां भेज दिया गया.
कलमीडुग्गू बस्ती में सोमवार की सुबह जब एंबुलेंस से छह शव पहुंचे तो पूरी बस्ती में मातम छा गया। रोते-बिलखते परिजन, चीखते पुकार करते बच्चे, गश खाकर गिरती महिलाएं हर तरफ बस करुण क्रंदन गूंज रहा था। यह वही छह लोग थे, जो खुशी-खुशी महाकुंभ के दर्शन को निकले थे, मगर लौटे तो सफेद कफन में लिपटे हुए। दो दिन पहले मिर्जापुर में हुए सडक़ हादसे ने कलमीडुग्गू बस्ती के छह परिवारों की दुनिया उजाड़ दी.
बोलेरो में सवार होकर महाकुंभ जाने निकले ये लोग कभी नहीं सोच सकते थे कि रास्ते में ही उनकी जिंदगी का सफर खत्म हो जाएगा। आधी रात को जब उनकी बोलेरो एक तेज़ रफ्तार बस से टकराई, तो मौत ने बिना चेतावनी दिए उन्हें अपनी गोद में समेट लिया। कलमीडुग्गू बस्ती के लोग यहां एक लाइन में निवासरत थे और कुछ आपस में रिश्तेदार थे.
बिलख पड़े परिजन
17 फरवरी सोमवार की सुबह जब एंबुलेंस के दरवाजे खुले और सफेद कपड़ों में लिपटे शव बाहर निकाले गए, तो परिजनों का धैर्य टूट गया। शोक में परिजन बिलख पड़े। ढांढस बढ़ाने के लिए जो पहुंचा उसका हाल भी कमोबेश ऐसा ही था। शोक में डूबी बस्ती में कोई चूल्हा नहीं जला। पड़ोसी, रिश्तेदार, दूर-दूर से लोग बस एक-दूसरे को ढांढस बंधाने आ रहे थे.
मुक्तिधाम में पहली बार दिखा ऐसा नजारा
दर्री पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कलमीडुग्गू के इतिहास में यह अब तक का पहला मामला रहा जिसमें मुक्तिधाम में एक साथ 6 लोगों को अंतिम विदाई दी गई। आज सुबह बस्ती के मुक्तिधाम में छह चिताएं एक साथ जलीं। इस दौरान मृतकों के नजदीकी परिजन, रिश्तेदार ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के मुंह से प्रतिक्रिया नहीं निकली लेकिन आंखों से निकलते आंसू इसे बयां कर रहे थे कि हादसे में हुई मौत का दुख कितना ज्यादा है.
जीत की खुशी मातम मे बदली
जब कोरबा में हादसे की खबर पहुंची, तो पूरे बस्ती में मातम पसर गया। यहां तक कि नगरी निकाय चुनाव में स्थानीय भाजपा उम्मीदवार राधा महंत को मिली जीत की खुशी भी इस दुख के आगे फीकी पड़ गई। कोई किसी से कुछ कह नहीं रहा था, हर कोई बस एक-दूसरे का दर्द समझने की कोशिश कर रहा था.
