QLOF को लेकर कोरबा पुलिस का संदेश: गैर मान्यता प्राप्त एप है, ठगी से बचने के लिए ना करें आगे लेनदेन
आकाशवाणी.इन
कोरबा,QLOF एप को कोरबा पुलिस ने गैर मान्यता प्राप्त घोषित कर दिया है। इसके लिए साइबर सेल ने एक वीडियो जारी कर लोगों को इस तरह के एप से ट्रेडिंग नहीं करने की सलाह दी है। साथ ही यह भी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अभी भी एप से कनेक्ट होकर ट्रेडिंग कर रहे हैं, वे सतर्क हो जाएं और अपनी मेहनत की कमाई का धन सुरक्षित रखें। आकाशवाणी न्यूज की खबर के बाद पुलिस ने संदेश जारी करके लोगों को ठगी का शिकार होने से बचाने की कोशिश की है।
QLOF एप से ठगी करने वाले ऑनलाइन ठगों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिकार बनाने के लिए चेन सिस्टम का उपयोग किया। ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को जोड़े जाने पर उसका लाभ भी अधिक मिलता है। इस लालच में लोग पिछले करीब आठ माह से इसे ही पूरी ताकत से अपना कारोबार बना लिए थे। यही वजह है कि अकेले कोरबा में शहर व ग्रामीण क्षेत्र के हजारों लोग इस ट्रेडिंग के जाल में फंस गए। हैरत की बात यह है कि अभी भी केवाईसी शुल्क के नाम पर छह- छह हजार रुपये जमा करने कहा जा रहा है। इसके लिए खाता पूरी तरह बंद और पैसा वापस नहीं मिलने का डर दिखाकर तिथि पर तिथि बढ़ाई जा रही है।
पिछले तीन दिनों से वाट्सअप के माध्यम से केवाईसी कराने के लिए प्रेरित किए जाने वाला मैसेज भेजा जा रहा है। इस दौरान यह भी जानकारी शेयर की जा रही है कि कितने लोग अब तक केवाईसी शुल्क जमा कर चुके हैं और उन्हें रकम मिल रहा है। जो अपना पैसा गंवा चुके हैं वह किसी तरह अब अपनी राशि निकाल लेने के फेर में ठगों द्वारा फेंके गए जाल में फंस रहे हैं। आकाशवाणी न्यूज ने सबसे पहले 26 जून की रात QLOF के ठगी की खबर विस्तार के साथ प्रकाशित की। जिसके बाद कोरबा पुलिस सतर्क हुई और साइबर सेल के एक्सपर्ट डेमन ओग्रे (आरक्षक) का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित किया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है कि QLOF एप मान्यता प्राप्त नहीं है। उन्होंने इस तरह के एप से राशि डूबने की आशंका जताई है।साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह के एप से बचें। उन्होंने कहा है कि खास तौर पर केवाईसी के लिए किसी भी तरह से अपने दस्तावेज शेयर नहीं करने की अपील की है। इससे होने वाले नुकसान को भी वीडियो में बताया गया है। पुलिस की इस वीडियो के बाद QLOF से ट्रेडिंग करने वाले जरूर सतर्क होंगे, पर गंभीर बात यह है कि अभी भी सैकड़ों लोग केवाईसी शुल्क के नाम पर छह- छह हजार रूपये जमा कर रहे हैं।
