ये टेक्निकल रावण है, मुख से धुंआ निकालते युद्ध के लिए ललकारेगा, अहंकारी का सर्वनाश करने आज आयेंगे श्री राम
आकाशवाणी.इन
कोरबा के लाल मैदान में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी दशहरा पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जायेगा जिसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. यहां का रावण पुतला कर्मचारी और ठेका श्रमिकों की मेहनत से तैयार किया जाता है, रावण पुतले की लंबाई 105 से बढ़ाकर इस बार 110 फीट कर दिया गया है.
इस रावण पुतले की खासियत आपको बताते हैं, इस पूरे को टेक्निकल हाईटेक पद्धति से तैयार किया गया है, इसकी आंखें गुस्से में लाल होंगी, मुंह से धुंआ निकालते हुए प्रभु श्री राम को युद्ध के लिए ललकारेगा, दशानन अपना सिर दोनों तरफ घुमाएगा और तलवार भी लहराएगा.
सिर घुमाकर मुंह से धुआं निकालेगा ये रावण
टेक्निकल रावण पुतला में मोटर लगा है, जिसके चालू होते ही रावण के सभी 10 सिर चारों ओर घूमने लगेगा। ये अहंकारी रावण युद्ध के लिए श्री राम को ललकारता नज़र आएगा. गुस्से से इसकी आंखे लाल होंगी, इस रावण पुतले के मुंह से धुआं निकलेगा जिसे देखकर मानो ऐसा लगेगा कि सिगार पी रहा हो.
यहां एक दिन पहले ही 110 फिट ऊंचे रावण को हाईड्रा, क्रेन की मदद से खड़ा किया गया है। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में रावण दहन की परंपरा पिछले अनेक वर्षों से बनी हुई है। इस टेक्निकल हाईटेक रावण को देखने के लिए आज हजारों की संख्या में लोग लाल मैदान पहुंचेंगे.
कंपनी के स्क्रैप से तैयार होता पुतला
छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी के कोरबा पश्चिम परियोजना के लाल मैदान में इन दिनों रावण के पुतले को तैयार करने में लगे कंपनी के कर्मचारी राम इकबाल सिंह, फेडरेशन 01 के आरके पटेल ने बताया कि इतना बड़ा पुतला तैयार करना चुनौतीपूर्ण रहता है, विभागीय सहायता के साथ ही कर्मचारी, ठेका श्रमिकों की 15 दिन की कड़ी मेहनत से इस पुतले को तैयार किया गया. आज असत्य पर सत्य की विजय हुई है रावण दहन के साथ ही धूमधाम से विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा.
लेकिन, इसमें खर्च बहुत ही कम होता है। क्योंकि, अधिकांश स्क्रैप कंपनी का होता है और इसे तैयार करने वाले लोग भी हम ही होते हैं।
टेक्निकल हाईटेक तकनीक का हुआ है इस्तेमाल
राम इकबाल सिंह ने बताया कि इसको बनाने के लिए हाईटेक टेक्निकल तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इस रावण पुतले को खास बनाया जा सका है. पुतले को प्लांट के स्क्रैप से तैयार किया गया, 110 फीट ऊंचाई वाले इस रावण पुतले को पूरे प्रदेश में काफी पसंद किया जाता है.
ये रावण दहन 39वां साल है
उन्होंने बताया कि लाल मैदान में यह दशहरा पर्व का 39वां वर्ष है आज यहां रावण दहन परंपरागत विधि-विधान से किया जाएगा.
अविभाजित मध्य प्रदेश के समय से रावण का पुतला बनाया जा रहा है
हसदेव परियोजना के सौजन्य से बनता है पुतला
उन्होंने बताया कि हसदेव ताप विद्युत परियोजना के स्तर पर तैयार होने वाले रावण के इस पुतले की चर्चा दूर-दूर तक होती है। पूरे जिले में यहां का रावण पुतला आकर्षण भरा रहता है. जिले सहित अन्य क्षेत्र के इलाकों से काफी संख्या में लोग पुतला दहन देखने पहुंचते हैं.