NTPC भूविस्थापितों के अनिश्चित कालीन धरना को 50 दिन पूरे, पढ़िये इनकी दांस्ता…
कोरबा/ आकाशवाणी.इन
एनटीपीसी कोरबा से जमीन अधिग्रहण के समय में आम सूचना मे लिखित वादा अनुसार नौकरी तथा बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर ग्राम चारपारा के 06 भू विस्थापित राजन पटेल, विनय कुमार कैवर्त, रामकृष्ण केवट, गणेश कुमार केवट, राकेश कुमार केवट व घसिया राम केवट, अपने परिवार के सदस्यों के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर तानसेन चौक कोरबा में बैठे हुए हैं. भीषण गर्मी में 22 अप्रैल से इन भूविस्थापितों को प्रदर्शन करते आज 50 वां दिन पूरा हो रहा है। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन व एनटीपीसी कोरबा द्वारा भूविस्थापितों से इस संबंध में कोई भी प्रकार की सकारात्मक पहल नही की गई.
अनिश्चितकालीन पर बैठे हुए भूविस्थापितों द्वारा एनटीपीसी कोरबा से आवेदन में नौकरी तथा बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग की गई है जिसमें
1. एनटीपीसी कोरबा द्वारा सन् 1978-79 में ग्राम चारपारा, गेरवा, दर्रीखार, नगोईखार टांगामार गांवो की जमीन 2000 मेगावाट विद्युत ताप परियोजना के लिए अधिग्रहण की थी, जिसमें ग्राम चारपारा व गेरवा, संपूर्ण भूविस्थापित ग्राम है।
2. अधिग्रहण के समय शासन की अधिसूचना में दर्शित भूमि एवं रकबे के आधार पर उन्हे भूमि का मुआवजा स्वीकृत किया जावे एवं अधिसूचित रकबे से अधिक भूमि पर संबंधित संस्थान द्वारा कब्जा न लिया जावे। यह कब्जा लेते समय आवश्यकतानुसार बैमाइश करा कर काश्तकारों को बता दिया जावेगा इससे हितग्राहियों संतुष्टि एवं सहमति दर्शायी।
3. दो प्रकरण के लिए काश्तकारों को बैठक में जानकारी देकर एनटीपीसी कोरबा विद्युत ताप परियोजना के लिए इन सभी गावों की जमीन का न्यायालय भू-अर्जन अधिकारी बिलासपुर (म.प्र.) द्वारा अधिग्रहण अवार्ड आदेश दिनांक 30.03.1978 से पहला प्रकरण 47/अ/ 82/1976-77 में 1640.16 एकड़ जमीन तथा 16.10.1979 से दूसरा प्रकरण 7 / अ / 82/1977-78 मे 47.32 एकड़ का हुआ। इन दोनों प्रकरण से एनटीपीसी कोरबा द्वारा 1687.87 एकड़ जमीन का अधिग्रहण व मुआवजा दर्शाया गया गया। जबकि पहला प्रकरण में 1640.16 एकड़ के आलावा 1788.96 एकड़ जमीन का भी जिक्र है इनमें कौन सा सही है यह स्पस्ट नही है । इसमें सिर्फ 1640.16 की पूरी जानकारी दी गई है। यह जांच का विषय है।
3. इन प्रकरण के आलावा 10 प्रकरण को इस आदेश पत्रक में एनटीपीसी कोरबा विद्युत ताप परियोजना के लिए ऊपर दर्शित गावों की जमीन का न्यायालय भू-अर्जन अधिकारी कोरबा (म. प्र. ) प्रकरण कं 6 / अ-82 / 77-78, 49 / अ-82 / 78-79,41 / अ-82 / 77-78, 35/31-82/78-79,23/31-82/78-79,28/31-82/78-79,38/31-82/78 -79, 30/31-82/79-80, 16/31-82/83-85 ya 34/37-82/78-79
आदेश पारित दिनांक क्रमश: 14/8/79, 14/5/81, 6/11/79,, 28/3/80, , 28/3/80,, 31/3/80, 17/6/82,, 28/7/81,, 2/9/86 v 3/9/86 को अधिग्रहित किया गया है । इनके द्वारा दी गई जानकारी में इनमें सिर्फ प्रकरण क. और तिथि अंकित है कितना जमीन लिया गया है और कितना मुआवजा दिया गया इसकी जानकारी इसमें नही है। तो क्या हितग्राहियों को इसकी जानकारी दी है कि नहीं, यदि नही तो क्यों नही दी गई। ये जांच का विषय है।
4. ग्राम चारपारा की संपूर्ण जमीन, लगभग 950 एकड़ थी, जिसमें 771.28 की जानकारी दी गई है, उसमें से कई किसानों की जमीन का मुआवजा नही हुआ है, बिना अधिग्रहण किये उनके जमीनों पर राखड़ डंप कर दिया गया है कुछ जमीन बाउन्ड्री के अन्दर है और कुछ बाहर, किसी का रकबा कम दिखा रहा है, खसरा कही और दिखा रहा है। जिसके लिए अवार्ड ,मुआवजा पत्रक की जानकारी के लिए राजन पटेल द्वारा एनटीपीसी कोरबा, जिला कलेक्ट्रेट बिलासपुर, कोरबा, तहसील कटघोरा, दर्री पुलिस महानिरीक्षक रेंज बिलासपुर, पुलिस अधिक्षक कोरबा, दर्री थाना में आवेदन, सूचना के अधिकार तहत जानकारी मांगी गई इसके आलावा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राजस्व मंत्री को पत्र दिया गया। जिसके संबंध में जानकारी नही दी गई है, महामहिम राष्ट्रपति को भी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई जिसमें एनटीपीसी द्वारा कुछ जानकारी दी गई रिकार्ड की जानकारी उपलब्ध नही लिखा गया है बिलासपुर भू-अर्जन से प्राप्त करे, बिलासपुर को लिखने पर कोरबा को भिजवा दिये की जानकारी दिया जाता है, कोरबा द्वारा तहसील दर्री को लिखे जाने पर, दर्री तहसील द्वारा एनटीपीसी कोरबा को लिखे जाने पर एनटीपीसी कोरबा द्वारा रिकार्ड की जानकारी दिया जाता है इस पर सही जानकारी उपलब्ध नही है कुल मिलाकर सही रिकार्ड कहां है अभी तक पता नही है, इनके साथ ही आवेदकों द्वारा एनटीपीसी कोरबा को अपने जमीनों की जानकारी दी गई है इन जमीनों जांच करवाने की मांग की गई जिसमें कितनी रकबा अधिग्रहण की गई हैं कितनी रकबा बची है। इन्हे भी जांच कर मांग को पूरा किया जाए।
इसके आलावा एनटीपीसी कोरबा द्वारा अधिग्रहण के समय दिनांक 4 सितम्बर 1979 को आम सूचना जारी कर कहा गया था कि आप लोगों ने इस विशाल परियोजना हेतु अपनी खेती योग्य भूमि एवं आवासीय भूमि प्रदान की है इसके लिए राष्ट्रीय बृहद विद्युत ताप परियोजना की ओर से हार्दिक बधाई देता हूं। राष्ट्रीय विद्युत ताप परियोजना निगम ने सिद्धांतः यह स्वीकार किया है कि प्रत्येक परिवार में एक व्यक्ति को जिनकी भूमि परियोजना हेतु, अधिग्रहित की गई है, क्रमिक रूप से शैक्षणिक एवं अन्य योग्यताओं के आधार पर, रोजगार प्रदान किया जावेगा। परियोजना का निर्माण कार्य जैसे जैसे बढ़ता जावेगा, रोजगार के अवसर भी बढ़ते जायेंगे एवं तदनुसार आप लोगों को, भी क्रमिक रूप से रोजगार प्रदान किया जावेगा।
अतएव आप लोगो से / भूमि स्वामी जिनकी भूमि अधिग्रहित की गई है / निवेदन है कि. आप लोगों शांति एवं धैर्य का परिचय देते हुवे औद्योगिक शांति बनाये रखे हमें इस महान कार्य में सहयोग प्रदान करें।
यह जानकारी लिखित में है इसके अनुसार, ग्राम चारपारा के लगभग 300 परिवार में से सन्
1979-80 तक 3 लोगो नौकरी में लिया गया।
भूविस्थापितों को इनके द्वारा नौकरी नही दिये जाने के विरोध करने पर 22/01/1981 में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति में, विभिन्न समस्याओं के संबंध में चर्चा की गई थी, और ग्राम चारपारा विषय पर, एनटीपीसी कोरबा के तत्कालिन • दिनांक महाप्रबंधक, श्री के.सी. जैन और चारपारा के प्रतिनिधी के साथ, चर्चा करने के पश्चात, प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को, अविलम्ब नौकरी लेने, तथा जिस व्यक्ति को नौकरी से निकाले थे उन्हे वापस लेने की सहमति बनी थी। दिनांक 17/08/1981 में नौकरी संबंधित सूचना जारी की गई। सन् 1981 से 1986 तक जिसमें मात्र 21 लोगो को नौकरी दिया गया और पहले का 3 को मिलाकर कुल 24 लोगो को नौकरी दिया। दिनांक 12/02/1987 को नौकरी व अन्य संबंधित सूचना जारी की गई इसमें किसी को नौकरी नही दी गई।
7. दिनांक 02/06/1988 में रह रहे चारपारा के भू-विस्थापितों का जीवको पार्जन तथा उनके नये प्रस्तावित स्थल पर जीवन उपयोगी सुविधाओं के प्रदाय के लिए एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन, भूविस्थापितों और प्रशासन के बीच बैठक की गई जिसमें 14 लोगों को नौकरी देने की सहमति बनी थी और जिसमें सन् 1993 में 5, सन् 1994 में 2, सन् 1995 में 2 और आखरी में सन् 2000 में 5 लोगों को में नौकरी लिया गया। ग्राम चारपारा के लगभग 300 परिवार में से, अब तक मात्र 38 लोगो को ही एनटीपीसी कोरबा द्वारा नौकरी दी गई है।
8.
एनटीपीसी कोरबा द्वारा, 2100 मेगावाट से बढ़ाकर सन् 2010 में, 500 मेगावाट निर्माण कर, अब तक 2600 मेगावट बना कर प्लांट का विस्तार हो गया है, परन्तु 1987 के बाद से, नौकरी लेने संबंधित कोई भी सूचना जारी नही किये गये है।
एनटीपीसी द्वारा सन् 1978-79 में अधिग्रहण के पश्चात 4 सितंबर 1979 में आम सूचना, नौकरी लेने संबधित जारी किया गया है उस समय कोई पालिसी नही थी सिर्फ नौकरी का ही जिक है परन्तु नौकरी मांगने पर भूविस्थापितों के लिए एनटीपीसी द्वारा दिनांक 19.06.1980 में पालिसी बनायी गई है जिसमें नौकरी, दुकान व छोटा ठेका कार्य देने के लिए बनी है, नौकरी को छोड़कर बांकी अन्य को, भूविस्थापितों को लेने के लिए विवश किया जाता है । एनटीपीसी कोरबा प्लांट की शुरुवात में लगभग 2500 से अधिक कर्मचारी थे और 650 कर्मचारी है परन्तु आज नौकरी की मांग किये जाने पर, रिक्तियां नही कह कर, भूविस्थापितों के साथ साथ शासन और प्रशासन को भी गुमराह किया जाता है।
10. एनटीपीसी सीपत बिलासपुर के 33 भूविस्थापितों को एनटीपीसी कोरबा में ट्रेनिंग के नाम सन् 2015 से अब तक नियमित कर्मचारी के रूप में कार्यरत है और 8 साल के हो रहा है इनके बारे जानकारी मांगने पर जानकारी कोई जानकारी नही है। जबकि एनटीपीसी कोरबा के भूविस्थापितों को गुमराह किया जाता है।
इसलिए इस संबंध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए भूविस्थापितों द्वारा मुख्य महाप्रबंधक एनटीपीसी कोरवा के नाम से आम सूचना वादा अनुसार नौकरी तथा बचे हुए जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर 11 अप्रैल 2023 को, पर रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से पत्र दी गई श्री, जिसमें मांग पूरी नहीं होने पर दिनांक 22 अप्रैल 2023 को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, तानसेन चौक कोरबा में बैठने की जानकारी दी गई थी, जिसकी सूचनार्थ प्रति 11 अप्रैल 2023 को ही, महामहिम मान. राज्यपाल छ.ग. और श्रीमान कलेक्टर कोरबा, श्रीमान पुलिस अधिक्षक महोदय तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोरबा व कटघोरा को दी गई थी। भूविस्थापितों की मांग पर कोई भी प्रकार की पहल नही करने पर दिनांक 22 अप्रैल 2023 से, अनिश्चितकालीन हड़ताल तानसेन चौक कोरबा पर बैठे हुए है। जिसमें जनशिकायत के तहत, हमारी मांग को लेकर, महामहिम मान राज्यपाल छ.ग द्वारा, दिनांक 18.04.2023 को, श्रीमान कलेक्टर कोरबा महोदय से मांग को लेकर कार्यवाही करने के लिए, निर्देशित किये गये है, साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए, भूविस्थापितों को उनकी जानकारी देने को कहा गया है, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए भूविस्थापितों को जब 32 दिन हो जाने के बाद कोई सूचना नही मिलने पर, अपनी मांग के लिए दिनांक 23 मई 2023 को, श्रीमान कलेक्टर महोदय के नाम से, जनचौपाल में महामहिम राज्यपाल के आदेशों अनुसार कार्यवाही के लिए पत्र दिया गया है। आनलाईन पोर्टल पर जनशिकायत और जनचौपाल पर अभी तक अपूर्ण जानकारी दिया जा रहा है, भूविस्थापितों द्वारा मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए, आज 50 दिन हो रहे है, अभी तक जांच की जानकारी नही दी गई है।
जिला प्रशासन से मांग है कि, एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन से, अधिग्रहित ग्राम चारपारा के लगभग सम्पूर्ण जमीन, और मुआवजा पत्रक व वितरण पत्रक तथा आम सूचना व अन्य सूचना की, जांच की करवा कर, आवेदकों को, नौकरी व बचे जमीन की मुआवजा व क्षतिपूर्ति, जल्द से जल्द से दिलवायी जाय। जब तक हमारी मांग पूरी नही हो जाती है, तब तक हम अनश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगें।
