Sunday, August 3, 2025
कोरबा न्यूज़

अस्पताल में न्यूराे सर्जन पदस्थ, अभी भी उपकरण का अभाव

कोरबा/ आकाशवाणी.इन

सड़क दुर्घटना के ज्यादातर मामले में हेड इंज्युरी के केस हाेने और इलाज की सुविधा जिले के सरकारी अस्पताल में नहीं हाेने पर डीएमएफ से न्यूराे सर्जन की संविदा नियुक्ति हुई है। जिनकी पदस्थापना जिला स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल काॅलेज संबद्ध जिला अस्पताल में की है। उन्हें सेवा देते करीब एक महीने हाेने वाला है, लेकिन अब तक अस्पताल में न्यूराे डिपार्टमेंट शुरू नहीं हाे सकी है, क्याेंकि न ताे डिपार्टमेंट के लिए अतिरिक्त स्टाफ है और न ही उपकरण। ऐसे में न्यूराे सर्जन अभी ओपीडी में बैठकर मरीजाें का इलाज कर रहे हैं.
न्यूराे डिपार्टमेंट में न्यूराे सर्जन के साथ ही दूसरे प्रशिक्षित स्टाफ और सर्जरी के लिए अलग से ऑपरेशन थियेटर की आवश्यकता है, इसलिए उनकी नियुक्ति के बाद अब न्यूराे डिपार्टमेंट के संचालन के लिए मेडिकल काॅलेज अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रशासन काे जरूरी उपकरण की खरीदी के लिए पत्र लिखा गया है, जिसमें 25 लाख से अधिक की लागत बताई है.
डीएमएफ या सीएसआर मद से हाेगी उपकरण की खरीदी
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक जिले में हेड इंज्युरी के केस में मरीजाें की जान बचाने के कलेक्टर संजीव झा काफी गंभीर है। इसलिए उनके मार्गदर्शन में डीएमएफ से संविदा में न्यूराे सर्जन की नियुक्ति की गई है. आगे निश्चित ही मेडिकल काॅलेज अस्पताल प्रबंधन के डिमांड के अनुसार डीएमएफ या सीएसआर मद से न्यूराे डिपार्टमेंट के लिए जरूरी उपकरण की खरीदी की जाएगी.
सुविधा बढ़ी ताे हेड इंज्युरी के केस में हाेगी चिकित्सा
जिले में हर साल औसतन ढाई साै लाेगाें की माैत सड़क दुर्घटना के कारण हाेती है। ट्रैफिक पुलिस की समीक्षा रिपाेर्ट के मुताबिक सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष औसतन 40 प्रतिशत लाेगाें की माैत हेड इंज्युरी की वजह से हाेती है। ऐसे में जिले के मेडिकल काॅलेज अस्पताल में सुविधा बढ़ी ताे हेड इंज्युरी के केस में त्वरित चिकित्सा लाभ मिलने से कई लाेगाें की जान बच जाएगी.
उपकरण खरीदी के लिए भेजा गया है पत्र
मेडिकल काॅलेज अस्पताल के संयुक्त संचालक डाॅ. गाेपाल कंवर के मुताबिक मेडिकल काॅलेज संबद्ध जिला अस्पताल में लगातार सुविधाएं बढ़ रही है। डीएमएफ से न्यूराे सर्जन की नियुक्ति के बाद अब उनके डिपार्टमेंट व ओटी संचालन के लिए उपकरण की खरीदी जरूरी है। इस संबंध में प्रशासन काे पत्र भेजा गया है। निश्चित ही स्वीकृति मिल जाएगी.