Saturday, June 28, 2025
Protestकोरबा न्यूज़बालको

प्रदर्शन का 4 दिन: बालको प्रबंधन नही लेना चाहता स्थानीय लोगों की भर्ती: 32 घंटे काम कर रहे मजदूरों की परेशानी देख प्रदर्शनकारियों ने बदली रणनीति, मजदूरों के आने जाने पर हटाई रोक, राखड कोयला परिवहन रहेंगे ठप, आंदोलन जारी है…

कोरबा/ आकाशवाणी.इन

स्थानीय लोगों की उपेक्षा करता रहा है बालको इसलिए भड़का है आक्रोश, जारी है आंदोलन.

मजदूरों के लिए परसाभाटा विकास समिति ने बदली आंदोलन की रणनीति, एंट्री गेट से हटे पर कोयला गेट रखा गया बंद

बालको प्रबंधन के अड़ियल रवैया को देखते हुए अब केवल आर्थिक नाकेबंदी, मालवाहको को नहीं घुसने दिया जाएगा प्लांट में, रविवार की रात लिया गया निर्णय

बालको प्रबंधन स्थानीय लोगों की भर्ती नही लेना चाहता है, प्रदर्शन से अंदर फंसे मजदूरों को 32 घंटे काम करना पड़ रहा था. मजदूरों की परेशानी देखकर प्रदर्शनकारियों ने अपनी रणनीति बदलते हुए सभी गेट पर मजदूरों के आने जाने पर लगाई गई प्रतिबंध हटा दी गई है, प्रदर्शन लगातार जारी रखते हुए राखड कोयला मालवाहक वाहन से परिवहन पूरी तरह ठप रखा गया है.

बालको प्रबंधन सुनना ही नही चाहता स्थानीय लोगों की मांग

बालको प्लांट में स्थानीय भर्ती, भारी वाहन के लिए वैकल्पिक मार्ग समेत अन्य मांग को लेकर परसाभाटा विकास समिति के नेतृत्व में बालको की उपेक्षा के शिकार स्थानीय लोग शुक्रवार 05 मई से बालको प्रबंधन के खिलाफ लगातार दिन रात आंदोलन कर रहे हैं। बालको के सभी गेट के सामने शांतिपूर्ण ढंग से धरना आंदोलन किया जा रहा था। 3 दिन होने के बाद भी स्थानीय बेरोजगारों की भर्ती से बचने के लिए बालको का अड़ियल रवैया जारी है। दूसरी ओर लगातार तीन दिनों तक गेट से प्रवेश नहीं होने और संयंत्र के अंदर फंसे मेहनतकश मजदूर काम का अधिक बोझ होने से परेशान हो रहे थे, मजदूर वर्ग विकास समिति के पदाधिकारियों से जल्द आंदोलन खत्म करने की मांग भी कर रहे थे. इन सभी मजदूरों की परेशानी को देखते हुए समिति के पदाधिकारियों ने संयंत्र के मुख्य द्वार से प्रदर्शनकारियों को हटाकर गेट मजदूरों के लिए खुलवा दिया है. अब सभी मजदूर बेरोकटोक संयंत्र में आ जा सकेंगे तो वहीं मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रहेगा.

प्रदर्शन समाप्त करने प्रशासन व पुलिस समिति से चर्चा कर रही थी लेकिन बालको प्रबंधन की ओर से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी रविवार की रात तक बातचित के लिए आगे नहीं आया। शायद बालको भी नही चाहता कि ये आंदोलन खत्म हो जाये इसीलिए रविवार की रात प्रबंधन की ओर से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी प्रशासन पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच बातचीत के लिए नही पहुँचा.

बता दें कि यहाँ ज्यादातर मजदूर स्थानीय है इसलिए उनकी समस्या से समिति व आंदोलनकारी भी वाकिफ हैं इसलिए मजदूर भाइयो की समस्याओं को देखते हुए एवं पुलिस प्रशासन कि समझाईस पर परसाभाटा विकास समिति ने रविवार की देर रात बालको प्लांट में काम करने के लिए जाने वाले मजदूरों के लिए उनकी एंट्री वाले सभी गेट के सामने से हटने का फैसला लिया। बालको प्रबंधन के अड़ियल रुख को देखते हुए समिति बालको प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन जारी रखे हैं और आर्थिक नाकेबंदी करते हुए मालवाहको का प्रवेश ठप रखा गया है। इसके लिए अब कोयला गेट, राखड़ गेट के सामने ही धरना प्रदर्शन जारी है। इससे प्लांट के अंदर कोयला, राखड़ व अन्य सामान परिवहन कर रहे वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद है। दूसरी ओर सोमवार सुबह से मजदूरों व बालको कर्मचारियों का प्लांट के अंदर आना जाना शुरू हो गया है.

मजदूरों के हित में बदली रणनीति, जारी रहेगा आंदोलन

समिति के विकास डालमिया, शशि चंद्रा, पवन यादव समेत अन्य पदाधिकारियों के मुताबिक उनके द्वारा मजदूरों के हित में आंदोलन की रणनीति बदली गई है, बालको द्वारा मांग मानने के लिए किसी तरह की पहल नहीं की जा रही है. लेकिन आर्थिक नाकेबंदी के साथ आंदोलन आगे भी जारी रहेगा