Monday, June 16, 2025
कोरबा न्यूज़

धान का रकबा 10860 हेक्टेयर कम कर कोदो, कुटकी, रागी को दिया जा रहा बढ़ावा

कोरबा/ आकाशवाणी.इन

कृषि विभाग ने खरीफ फसल के लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। इस बार भी धान के रकबे में 10860 हेक्टेयर कम करने का निर्णय लिया है। पिछले वर्ष किसानों ने 93991 हेक्टेयर में धान की फसल ली थी। इस बार इसे घटाकर 83130 हेक्टेयर कर दिया है.
इसके बदले में कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन और सब्जी की फसल का रकबा बढ़ाने लक्ष्य तय किया है। खरीफ में कुल फसल का रकबा 1 लाख 31 हजार 710 हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार 940 हेक्टेयर तय किया है.
कृषि विभाग लक्ष्य के आधार पर ही खाद और बीज का भंडारण करने के साथ ही किसानों को धान के बदले दूसरी फसल लेने प्रेरित करता है। 2 साल से धान के बदले दलहन और तिलहन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, लेकिन जिले में 70 प्रतिशत खेती मानसून पर ही निर्भर है। इसी वजह से अधिकांश किसान धान की फसल बोता पद्धति से अधिक करते हैं। इस बार ज्वार की फसल का रकबा जीरो कर दिया है.
मक्का, कोदो, कुटकी और रागी की फसल की फसल अनाज में शामिल है। इन फसलों की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। दलहन में अरहर, मूंग, उड़द और कुलथी की फसल को शामिल किया है। तिलहन में मूंगफली, तिल, रामतिल की फसल शामिल है.
करतला ब्लॉक के किसान खरीफ के साथ ही रबी में भी मूंगफली की फसल लेते हैं। सब्जी की फसल पर भी अधिक ध्यान रखा है। 12534 से हेक्टेयर से बढ़ाकर 16500 हेक्टेयर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
कोदो, कुटकी मक्का पर ही अधिक ध्यान
किसी विभाग ने मक्का का रकबा 5972 से 12000 हेक्टेयर, कोदो का 810 से 1110 हेक्टेयर, कुटकी का 100 से 200 हेक्टेयर और रागी का 271 से 600 हेक्टेयर रकबा किया है। इसी तरह दलहन का 10920 से 16231 हेक्टेयर और तिलहन का 3510 हेक्टेयर से 5200 एक तैयार किया गया है। सब्जी में भी 3966 एक तैयार बढ़ाते हुए 16500 हेक्टेयर किया गया है.
पिछले साल धान का बढ़ गया था रकबा
मानसून बीच में ब्रेक हुआ तो पिछले साल धान की फसल का रकबा 41960 एकड़ घटाने के बाद 19822 एकड़ बढ़ गया था। यही नहीं, दलहन और तिलहन की फसल भी 40 प्रतिशत तक घट गई थी। बीच में कम बारिश होने पर किसानों ने रोपा पद्धति से धान की फसल लगाई थी.
धान खरीदी बढ़ी, अब तो एकड़ में 20 क्विंटल लेंगे
धान के बदले दूसरी फसलों पर किसान कम रुचि लेते हैं। इसका मुख्य कारण समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होना है। इस साल जिले में रिकॉर्ड 21 लाख 29 हजार क्विंटल की खरीदी की गई थी। धान बेचने 46 हजार 295 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 39 हजार 85 किसानों ने धान बेचा। इस बार तो राज्य सरकार ने एकड़ में 15 से 20 क्विंटल खरीदी करने का निर्णय लिया है.
फसल परिवर्तन के लिए किसानों को कर रहे प्रेरित
कृषि विभाग के सहायक संचालक डी.पी.एस. कंवर का कहना है कि लक्ष्य के आधार पर ही तैयारी करते हैं। किसानों को धान के स्थान पर दूसरी फसलों को लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में बीज भी उपलब्ध कराया जाता है.