EXCLUSIVE: प्रदर्शन का बालको संयंत्र में असर, मेहनतकश कर्मचारियों को नास्ता में एक दोना पोहा देकर लिया गया काम, शुक्रवार की रात खाने के लिए मची अफरातफरी का दूसरा वीडियो देखिये…
बालको प्रबंधन के खिलाफ शुक्रवार की दोपहर से शुरू हुआ स्थानीय बेरोजगारों के आंदोलन को अब 24 घंटा बीत चुका है और प्रदर्शन अभी भी निरंतर जारी है. विश्वशनीय सूत्रों और इस दौर का सामना कर रहे हैं लोगों से जानकारी मिली कि शुक्रवार को नाइट सिप्ट 10 से 6 की ड्यूटी करने वाले किसी तरह संयंत्र के अन्यत्र रास्ते से अंदर प्रवेश कर कर अपना कार्य किये. इनकी छुट्टी सुबह 6 बजे हो जानी थी लेकिन रिलीवर नही पंहुच पाने से इनको प्रथम सिप्ट 6 से 2 भी करना पड़ा. इस दौर शनिवार की सुबह इन श्रमिकों को नास्ते में एक दोना पोहा (breakfast) देकर काम लिया गया. दोपहर के खाने में 12 बजे चावल दाल और आलू ज्यादा पानी मिला हुआ सब्जी ही दिया गया. प्रदर्शन के पूर्व खाने में चावल दाल रोटी, दो सब्जी, पापड़ रायता और अन्य चीजें दी जाती थी. अचानक हुए इस प्रदर्शन के संयंत्र में कर्मचारियों की कमी हो गई है और 540 मेगावाट संयंत्र का काम काफी प्रभावित हो रहा है. बालको प्रबंधन और प्रदर्शनकारियों के बीच कोई रास्ता न निकल पाने की स्थिति में दूसरे दिन रात प्रदर्शन जारी रहा तो भारत एल्युमिनियम कम्पनी बालको को काफी नुकसान (loss) नुकसान हो सकता है.
प्रबंधन की वादाखिलाफी से तंग होकर संयंत्र के बाहर गेट के सामने शुक्रवार की दोपहर से प्रदर्शन कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि बेरोजगार युवाओं के द्वारा संयंत्र के गेट को बंद कर दिए जाने से शुक्रवार को जनरल ड्यूटी पर गए सभी मजदूर अंदर ही फँसे रहे. इस दौरान रात्रि के समय संयंत्र के भीतर कैंटीन में भोजन खाना लेने के लिए कर्मियों में भगदड़ मचने के साथ अफरातफरी की स्थिति निर्मित हुई. शुक्रवार की रात खाने के लिए मची अफरातफरी का पहला वीडियो हमने आपको दिखाया अब दूसरा एक्सक्लुसिव वीडियो देखिये.
खाने के लिए चिल्लम चिल्ली के बाद इस तरह दिया जा रहा दाल भात
कैंटीन संचालक कर्मियों ने अपने रोज की दिनचर्या अनुसार भोजन तैयार किया था. रात को एकाएक सैकड़ों की संख्या में मजदूर भोजन के लिए कैंटीन पहुंचे तो संचालक को भी कुछ समझ नही आया. वीडियो में एक कर्मी कह रहा जो भी बना है दे.वीडियो में आप देख सकते हैं खाने के लिए कैंटीन में कितनी चिल्लम चिल्ली हो रहा है.
इतनी संख्या में कर्मचारियों के लिए एक साथ भोजन तैयार करना सम्भव नही था. जो कर्मचारी रात 9 बजे खाना खाने कैंटीन पहुंचे उन्हें रात 12 बजे भोजन नसीब की मात्रा कम मिला तो किसी को नसीब ही नही हुआ.
दूसरे दिन भी लगातार जारी है प्रदर्शन
बेरोजगार युवकों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी लगातार जारी है. बताया जा रहा है प्रदर्शनकारी संयंत्र में कर्मियों को अंदर जाने से रोक रहे. अंदर फसे कर्मचारियों को बाहर आने से नही रोक रहे. अंदर फंसे कर्मचारी बाहर आ गए तो उनकी जगह कोई काम करने वाला नही बचेगा क्योंकि बाहर से अंदर जाने पर रोक लगा रखा है. एक कर्मचारी लगातार दो सिप्ट काम करके थक जा रहा है. और बाहर निकलने की सोंचता है क्योंकि उसको भी आराम(rest) की जरूरत है.
प्रदर्शकारी शुक्रवार की दोपहर से पूरी रात भर संयंत्र के बाहर डटे हुए हैं. और शनिवार की शाम 5 बजे समाचार लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी है.
वर्शन-
परसाभाठा विकास समिति के पदाधिकारी शशी चंद्रा ने बताया कि बालको प्रबंधन के वादाखिलाफी की वजह से प्रदर्शन करने विवश हैं, पूर्व में किये अपने लिखित वायदों को पूरा करने में बालको नाकाम रहा है. उन्होंने बताया कि संयंत्र में अन्य दिनों जहाँ पांच हजार कर्मी जाते थे वहाँ पर प्रदर्शन की वजह से 500 कर्मी ही जा रहे हैं इससे संयंत्र का काम प्रभावित तो होगा ही. प्रबंधन मांग पूरी करें प्रदर्शन समाप्त कर देंगे.
ये है पूर्व में बालको के द्वारा दिया गया लिखित सहमति पत्र
ये है वर्तमान मांग पत्र
इसलिए स्थानीय बेरोजगारों का फुटा गुस्सा
बालको प्रबंधन के रवैये के खिलाफ स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. जानकारी के अनुसार राेजगार, सड़क, राखड़ की परेशानी समेत अन्य मांग को लेकर बालकाे प्लांट के सभी गेट काे स्थानीय लाेगाें ने बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारियों में परसाभाठा, बेलगरी बस्ती, लालघाट व चेकपाेस्ट भदरापारा के निवासी शामिल हैं. प्रदर्शनकारी बेरोजगार युवक बड़ी तादाद में प्लांट गेट के मुख्यमार्ग पर कुर्सी लगाकर बैठ गए हैं. इस दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद है.
