श्री सप्तदेव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव की तैयारियां प्रारम्भ
आकाशवाणी.इन
कोरबा, 11 अगस्त 2025/ कोरबा के सुप्रसिद्ध श्री सप्तदेव मंदिर में मनाया जाने वाला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव न केवल पूरे छत्तीसगढ़ में बल्कि आस.पास के राज्यों में भी अपनी भव्यता और आध्यात्मिक माहौल के लिए जाना जाता है। यहाँ यह पर्व मथुरा और वृंदावन की भांति उल्लास भक्ति और अद्भुत सजावट के साथ मनाया जाता है.
इस वर्ष भी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की भव्य तैयारियां प्रारम्भ हो चुकी हैं। दिनांक 16 अगस्त 2025 दिन शनिवार को मंदिर परिसर में जन्माष्टमी उत्सव धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी अशोक मोदी ने बताया कि सन् 1994 में मंदिर की स्थापना के समय प्रथम बार आयोजित जन्माष्टमी में लगभग पाँच हजार श्रद्धालु उपस्थित हुए थे। तब से प्रत्येक वर्ष यह संख्या लगातार बढ़ती गई और वर्ष 2024 में यह आँकड़ा पचास हजार से अधिक हो गया। इस वर्ष भी भक्तों की भारी संख्या को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
मंदिर के भीतर और बाहर बड़े.बड़े पंडालों की सजावट हो रही है जिनमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। ये झांकियां हर वर्ष की तरह भक्तों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी.
भक्तों और बच्चों की सहभागिता बढ़ाने हेतु मंदिर समिति ने विशेष प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया है। 15 अगस्त 2025 शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक ’’ लड्डू गोपाल सजाओ प्रतियोगिता ’’ आयोजित होगी। इसके अगले दिन 16 अगस्त 2025 शनिवार को दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक बच्चों के लिए ’’ श्रीकृष्ण बनो प्रतियोगिता होगी जिसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। पुरस्कारों का चयन मंदिर महिला मंडल की सदस्य करेंगे। इच्छुक प्रतिभागी विस्तृत जानकारी के लिए मंदिर के मुख्य पुजारियों से संपर्क कर सकते हैं.
मुख्य उत्सव दिवस पर सायं 4 बजे से रात्रि 1 बजे तक भक्तजन भव्य झांकियों के दर्शन कर सकेंगे। रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का मुख्य आयोजन होगा। जब मंदिर में भगवान का जन्म विधि.विधान के साथ कराया जाएगा। जन्म के उपरांत मंदिर प्रांगण आतिशबाजी की जगमगाहट और भजन.कीर्तन की मधुर ध्वनियों से गूंज उठेगा। श्री सप्तदेव मंदिर परिवार ट्रस्ट ने समस्त भक्तजनों से विनम्र आग्रह किया है कि वे अपने परिवार और मित्रों के साथ मंदिर में पधारकर इस वर्ष के जन्माष्टमी महोत्सव में सम्मिलित होंकर झांकियों एवं कार्यक्रमों का आनंद लें और इस पावन अवसर का पुण्य लाभ प्राप्त करें.
