पुनी के कौन सुनहि: मेरा कोई नही… चार माह से नही मिला राशन, कैसे चले गुज़ारा…
कोरबा/ आकाशवाणी.इन
राज्य में कोई भी भूखा न सोएं इसके लिए राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना के तहत हर परिवार को पीडीएस प्रणाली से एक रुपये किलो की दर से शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से राशन वितरण किया जाता है. कोरोना कॉल की वजह से एक रुपये की दर से आबंटित किया जाने वाला चाँवल वर्तमान में मुफ़्त वितरण किया जा रहा है. इसके बाद भी कोरबा जिले के वार्ड क्रमांक 53 में रहने वाली बुजुर्ग महिला पुनी बाई को चार माह से राशन नही मिल पा रहा इस वजह से भूखे पेट सोने की नौबत आ रही है.
वार्ड क्रमांक 53 बरमपुर अमन नगर निवासी पुनी बाई साहू को चार यह से राशन नही मिल रहा है. शासकीय उचित मूल्य की दुकान में राशन लेने जाने पर उनका अंगूठे मशीन में स्कैन नही होने से उनको चांवल नही मिल रहा है. पुनी बाई बताती हैं कि पति के देहांत बाद उनका इस दुनिया मे आगे पीछे कोई नही. शासकीय योजना के तहत 10 किलो मुफ़्त चाँवल मिलता था जिससे वह अपना पेट भर्ती थी. अब चार माह से राशन नही मिलने से उनके सामने जीवकोपार्जन की गम्भीर समस्या खड़ी हो गई है. शासन की महत्वाकांक्षी योजना से वंचित है बुजुर्ग महिला.
ऐसे बुजुर्ग जिनका अंगूठे की रेखाएं मिट चुकी हैं उनको इस तरह की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है. नियम में ऐसे लोगों को अपने किसी परिचित पड़ोसी को अपना नॉमिनी नियुक्त करने होगा जिसके बाद उक्त नॉमिनी ऐसे बुजुर्गों का राशन लेकर उन्हें दे संकेंगे. पर सवाल यहीं है कि इन बुजुर्गों को को इस नियम की जानकारी भी सोसायटियों के संचालक नही देते जिससे हितग्राहियों को बेवजह परेशान होना पड़ता है. जानकारी दी जाती तो इस बुजुर्ग महिला का राशन चार माह से नही रुकता. अब पुनी बाई को इंतजार है कि कोई आएगा और उसे जीवकोपार्जन के लिए सरकारी राशन दिलाएगा.
