EXCLUSIVE: कोरबा में लाल ईंट का काला खेल: अधिकारियों की सांठ गांठ से चल रहा अवैध भट्ठा, सरकार को राजस्व की छति पहुंचाने में कोई कसर नही छोड़ा
कोरबा/ आकाशवाणी.इन
कोरबा जिले में लाल ईंट का काला खेल बेधड़क जारी है. यह खेल अधिकारियों की सांठ गांठ से लगातार बेधड़क जारी है अवैध ईंट भट्ठों पर जिला प्रशासन नकेल कसने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। सड़क किनारे से लेकर जंगल के अंदरूनी इलाके में इन भट्ठों की आग सुलग रही है। रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन से लेकर अवैध ईंट भट्ठों संचालन को जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है. अवैध भट्ठों में अवैध कोयला को भी खपाया जा रहा है. (कोल स्कैम) कोयले की धधकती आग जिले में किसी से छिपा नही है यही वजह है कि एक बार फिर ED की टीम कोरबा जिले की खनिज विभाग में दस्तावेज खंगालने पहुंची है. गौड़ खनिज से जुड़े अवैध कार्यों से शासन को लाखों करोड़ों रुपये की राजस्व छति पहुंचाई जा रही है.
कोरबा जिले में नियमो को ताक में रखकर रसूखदारो द्वारा लाल ईट के अवैध कारोबार को धडल्ले से अंजाम दिया जा रहा है. इस अवैध कारोबार से जुड़े विजेन्द्र महंत उर्फ मामा से जब हमने जानकारी चाही तो उनका कहना था कि दादरखुर्द, ढेलवाडीह, नकटीखार इलाके में भठ्ठा संचालित हो रहा है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सैकड़ों की संख्या में अवैध ईट भट्टा संचालित है. इस मामले में कार्यवाई के लिए यूथ कांग्रेस ने संबंधित विभाग को पत्र भी लिखा था जिसमे अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
अवैध ईट निर्माण की वजह से इलाके में प्रदूषण फैल रहा है. वहीं रायल्टी जमाकर ईंट का व्यवसाय कर रहे लोगों को भी तगड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. रसूखदार बड़ी तादात में ईट का निर्माण कर लाखो रुपए का वारा न्यारा कर रहे हैं. ईट निर्माण में लगे मजदूरों का जमकर शोषण भी किया जा रहा है. इसके बाद भी जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे मौन साधे हुए हैं.
आपको बता दें खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा ईंट निर्माण के लिए चिमनी भट्टा को लाइसेंस दिया जाता है. लेकिन कोरबा में ऐसा नहीं है यहाँ अधिकारियों के सांठ गाठ से जिले में अवैध भट्टा संचालित हो रहा है. जिससे सरकार को हर साल करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है.
