Sunday, June 15, 2025
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मंदिर प्रशासन का दावा नए साल में भक्‍तों को 40 मिनट में होंगे भगवान महाकाल के दर्शन

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उज्जैन, ज्याेतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रविवार व सोमवार को दो दिन में करीब 10 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने आएंगे। अधिकारियों का दावा है कि भीड़ भरे इन दो दिनों में भक्तों को 40 मिनट में भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे लेकिन जब तक गणेश व कार्तिकेय मंडपम में जनदबाव कम नहीं होगा भक्तों को शीघ्र दर्शन होने में संशय है। मंदिर प्रशासन को इन दोनों स्थानों से दर्शनार्थियों को शीघ्र बाहर निकालने की योजना बनानी चाहिए।

पिछले रविवार पहुंचे थे पांच लाख भक्‍त

महाकाल मंदिर में बीते रविवार को करीब पांच लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए थे। अधिकारियों का अनुमान है कि 31 दिसंबर व 1 जनवरी को 10 लाख से अधिक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने आएंगे। भक्तों की भीड़ को देखते हुए दर्शनार्थियों को चारधाम मंदिर के सामने से प्रवेश दिया जाएगा। यहां से दर्शनार्थी त्रिवेणी संग्रहालय के समीप शक्ति पथ से होते हुए महाकाल महालोक, टनल 1 व 2 से होते हुए गणेश व कार्तिकेय मंडपम से भगवान के दर्शन करते हुए आपातकालीन द्वार से बाहर निकलेंगे।

तय मार्ग काफी चौड़ा है

मंदिर समिति द्वारा जो मार्ग तय किया गया है, वह काफी चौड़ा है, इससे होते हुए श्रद्धालु तेजी से मंदिर के भीतर पहुंच जाएंगे लेकिन गणेश व कार्तिकेय मंडप में अलग-अलग कतार में दर्शन करते हुए आपातकालीन द्वार से बाहर निकलने में सर्वाधिक समय लगता है। यहां दर्शनार्थी काफी देर तक रुकते हैं। इससे भीड़ का फ्लो रुकता है और लाइन धीरे चलने लगती है। इससे दर्शन में समय लगता है। अधिकारी जितनी योजना मंदिर के बाहर से भीड़ को भीतर लाने की कर रहे हैं। उससे कहीं अधिक जरूरत अंदर की भीड़ को तेजी से बाहर निकालने की है।

यह होना चाहिए, भीड़ बिल्कुल नहीं रुकेगी

गणेश मंडप को टनल से जोड़ने के लिए जितना बड़ा गेट बनाया गया है। उससे आगे के बैरिकेड़स को खोलकर उतना ही चौड़ा रास्ता बनाया जा सकता है। इससे भीड़ का फ्लो एक जैसा चलेगा और भक्त चलायमान दर्शन करते हुए आपातकालीन द्वार से बाहर निकल जाएंगे।

नंदी मंडपम में गर्भगृह के गेट की सीध में पुजारी, पुरोहितों के बैठने के लिए तखत लगा हुआ है। इससे दर्शन बाधित होते हैं। कतार में खड़े दर्शनार्थी यहां फूल प्रसाद चढ़ाने के लिए रुक जाते है। इससे दर्शन व चलायमान व्यवस्था दोनों में व्यवधान उत्पन्न होता है। इस तखत को यहां से हटाकर नंदी मंडपम में रखे नगाड़े के पास लगाना चाहिए।

दर्शनार्थियों द्वारा लाए गए फूल, प्रसाद अर्पण के लिए बैरिकेडस के आसपास जगह-जगह दो- दो पात्र लगाए जाने चाहिए, दर्शनार्थी इनमें फूल प्रसाद अर्पित कर सकें। बाद में इसका कुछ भाग भगवान को अर्पण करें, इससे भक्त भावना का सम्मान होगा। इस व्यवस्था से श्रद्धालु कहीं भी फूल, प्रसाद चढ़ाने के लिए नहीं रुकेंगे और दर्शन करते हुए सीधे बाहर निकलेंगे।