KORBA: 20 हज़ार रिश्वत लेकर नही भरा मन, फोन कर मांग रहे वन-जीरो का धन
कोरबा/ आकाशवाणी.इन
पुलिस की कार्यशैली पर तो सवाल उठते रहे हैं। बुधवार को पुलिस की कार्यशैली पर फिर एक सवाल खड़ा हो गया. जहां पीड़ित ने दीपका पुलिस पर डरा धमकाकर रुपये ऐंठने का आरोप लगाते हुए वाइस रिकॉर्ड भी उपलब्ध कराया है. और मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से उचित कार्यवाई कर न्याय दिलाने की मांग की है.
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पुलिस
पुलिस कर्मी के द्वारा कहा जा रहा है कि राहुल फोन उठाने में दिक्कत हो रहा है क्या रे हम लोग लगा रहे हैं तो.
राहुल- नही सर नही नई दिक्कत हो रहा है.
पुलिस- हाँ तो चल भाई नई लगाएंगे दिक्कत हो रहा है तो फिर साहब लगाएंगे.
राहुल- नही सर नही हो रहा है.
पुलिस- बुलाया तो था न तेरे को
राहुल- हां, नही सर नही हो पा रहा है 30 हजार रुपया, उतने में ही बनाइये सर 20 हज़ार में, मामा शाम को आकार दूंगा बोला था वो भी नही दिया उसी का इंतजार कर रहा था
पुलिस- सुन न तू तो वन जीरो तो हो गया है बोल रहा था रे
राहुल- हां वही तो सर मामा तीस हजार तक दे दूंगा बोल रहे थे मामा.
पुलिस- तू साहब से बात कर लेना न, मेरी बात सुन न तू आ जा 10 मिनट साहब से मिलके रिक्वेस्ट कर लेना ठीक. अभी आ जा, तू अकेला आना कुछ नही करेंगे बे अभी शाम का समय है.
राहुल- लेकिन पैसा नही है सर जितना दिया था उतना में ही बनाना.
पुलिस- साहब से रिक्वेस्ट कर लेना.
ये लेन देन की बातें पुलिस और प्रार्थी के बीच हो रही है. पुलिस की कार्यशैली से परेशान महिला ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सुरक्षा के साथ न्याय की मांग की है.
प्रार्थिया विजयनगर दीपका निवासी सुमृता बाई पति रामाधार 39 वर्ष ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए पत्र में बताया गया है कि दीपका थाना में पदस्थ पुलिस कर्मियों ने एक युवक को झूठे केश में फंसाने की धमकी देते हुए उससे 20 हजार रूपए वसूल कर लिए। अब युवक पर 10 हजार रूपए देने का दबाव बनाया जा रहा है. विगत 21 मई 2023 की रात करीब 8 बजे दीपका थाना से तीन पुलिस कर्मी उसके घर पहुंचे थे। इनमें से निर्मल नामक पुलिस कर्मी को पहचानती है। तीनों ने जबरन घर में प्रवेश किया और पुत्र राहुल चौहान को बोलेरो में बैठाकर अपने साथ ले गए। घर पहुंचने पर पड़ोसियों ने इसकी जानकारी दी। दीपका थाना पहुंची तो पुलिस कर्मी निर्मल ने कहा कि तुम्हारे पुत्र को घर ले जाना है तो एक लाख रूपए लेकर आओ। सुमृता ने कहा कि इतनी रकम नहीं दे सकेंगे। 30 हजार रूपए देने पर पुत्र को छोड़ने के लिए तैयार हुआ। रात करीब 12 बजे 20 हजार रूपए की व्यवस्था कर पुलिस कर्मी को दिया। तब जाकर पुत्र को छोड़ा गया। पुलिस कर्मी ने धमकाते हुए कहा कि सुबह तक 10 हजार रूपए लाकर देना, नही तो झूठा केस बनाकर जेल भेज दिया जाएगा। इस दौरान पुत्र का मोबाईल नंबर लेकर कॉल करके देखा गया। इसके बाद दूसरे दिन 22 मई की सुबह फोन कर 10 हजार रूपए की मांग की गई। इसी तरह 23 मई को सुबह से लेकर रात तक 10 हजार रूपए लाने के लिए तंग किया गया। पुत्र ने डर से फोन नहीं उठाया तो उसे दूसरे नंबर से कॉल किया और कहा कि फोन उठाने में दिक्कत हो रही है। पुलिस कर्मी को पुत्र ने मनाने का प्रयास किया, लेकिन नहीं माना। टीआई से मिलने के लिए कहा गया। सुमृता बाई ने शिकायत में कहा कि 10 हजार के लिए पुत्र को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। 20 हजार रूपए थाने में दिया गया था। सीसी कैमरा की जांच से इसका खुलासा हो जाएगा। पुलिस कर्मी से हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी मोबाईल में हुई है। पुत्र के विरूद्ध आबकारी अधिनियम धारा 34 क 2000/2023 के तहत झूठा प्रकरण बनाया गया है। दीपका थाना में पुलिस कर्मियों के बर्ताव से पुत्र सहित पूरा परिवार डरा सहमा हुआ है। प्रार्थिया ने पुलिस अधीक्षक से परिवार को संरक्षण देने की मांग की है.
