जिस सूर्य की किरणों से होती है जलन, अब उन्हीं किरणों से हजारों घर हो रहा बिजली का चलन…
आकाशवाणी.इन
पीएम सूर्यघर योजना बनी ‘ज्योति’ के घर की असली रोशनी
कोरबा, 29 जून 2025/ एक दौर था जब गर्मी के मौसम का नाम सुनते ही आम लोगों के चेहरे से पसीने छूटने लगते थे, सूर्यघर योजना आने के बाद गर्मी का नाम सुनते ही अब उन्हीं चेहरों पर मुस्कान नज़र आती है. सूर्यघर योजना से कोरबा जिले के कटघोरा में रहने वाली ज्योति अनंत के चेहरे भी मुस्कान से खिल उठे हैं, पूर्व में गर्मी का यह मौसम उनके लिए भी परेशानी और असुविधा लेकर आता था। भीषण गर्मी में बिजली की लगातार कटौती और ऊपर से बढ़ता हुआ बिजली बिल ने उनका सुख चैन सब छीन लिया था। दिन-रात पंखे और कूलर बंद रहते थे, और घर का बजट बिजली के बिल में ही उलझ कर रह जाता था.
लेकिन आज, वही सूर्य की किरणें जो उन्हें चुभती जलती थी, अब वही सूर्य की किरणें उनके जीवन में खुशियों की रौशनी लेकर आया है। जो बिजली बिल की बचत भी कर रही है, यह बदलाव संभव हुआ है प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत, जिसे केंद्र सरकार द्वारा आम नागरिकों के लिए शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में क्रियान्वित इस योजना ने हजारों परिवारों को राहत पहुंचाई है, उनमें से ज्योति अनंत का परिवार भी एक है। उन्होंने अपने घर की छत पर इस योजना के तहत सोलर पैनल लगवाया और अब वही सूर्य की किरणें जो कभी कष्ट का कारण था, आज ऊर्जा और आत्मनिर्भरता का स्रोत बन गया है। श्रीमती अनंत बताती हैं कि पहले उनका परिवार बहुत सोच समझकर बिजली का उपयोग करते थे ताकि बिल कम आए, फिर भी मनमाने तरीके से हजारों रुपए का बिल आता था.
कटौती का समय तय नहीं था, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता था। एक दिन जब पड़ोसी से उन्हें इस योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत इसकी विस्तृत जानकारी जुटाई और स्वयं योजना की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन किया। कुछ ही समय में उनके घर की छत पर सोलर पैनल इंस्टॉल कर दिया गया, साथ ही शासन द्वारा 78,000 की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। पहले ही महीने में उन्हें इसका लाभ महसूस हुआ। अब बिजली गुल हो ना हो, इस बात से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि सोलर एनर्जी से उनका घर हमेशा रौशन रहता है। श्रीमती अनंत कहती हैं की “पहले गर्मी का मौसम एक सज़ा लगता था, अब यही मौसम राहत और मुनाफा लेकर आता है”
हम न केवल अपनी जरूरत की बिजली खुद बना रहे हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आर्थिक रूप से भी लाभ पा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कोई जोखिम नहीं है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचता, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है। उनकी छत अब ना केवल बिजली उत्पादन का केंद्र है, बल्कि हरित छत्तीसगढ़ की ओर उनका योगदान भी बन गया है। श्रीमती अनंत अब अपने अनुभव के आधार पर अन्य लोगों को भी इस योजना से जुड़ने की सलाह देती हैं। वे कहती हैं की “हम जैसे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं। इससे न केवल बिजली की समस्या का हल हुआ है, बल्कि घरेलू खर्च में भी संतुलन आया है।” उन्होंने प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री साय को इस जनकल्याणकारी योजना के लिए हृदय से धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि ऐसी योजनाएं भविष्य में भी आम जन तक पहुँचती रहेंगी.
