Friday, June 27, 2025
CHATTISGARH

KORBA BREAKING : CSEB का राखड बांध टूटा, राख से सराबोर हुआ इलाका तो 44 ग्रामीणों को रातभर सामुदायिक भवन मे ठहराया, ग्रामीणों मे दहशत के साथ प्रबंधन के खिलाफ भड़क रहा आक्रोश…

आकाशवाणी.इन

ये नज़ारा बर्फ से ढकी कश्मीर की वादियों का नही बल्कि CSEB के राखड़ बांध के टूटने से इलाके मे बहती राख का है, जो ग्रामीणों के लिए मुशिबत बना हुआ है

कोरबा, 27 जून 2025/ Cseb का राखड़ डैम जून माह की पहली बारिश से ही हाँपने लगा और गुरुवार की दोपहर भरभराकर टूट गया, डैम के टूटते ही हजारों टन राखड़ किसानो के खेत मे समाते हुए बस्ती मे पहुँच रहा है, cseb प्रबंधन की लापरवाही से देख रेख का अभाव बना हुआ था, इसी वजह से पहली बारिश मे ही विशालकाय राखड़ डैम टूट गया, डैम के अचानक टूटने से तेज आवाज़ के साथ राखड़ की बहती धार ने ग्रामीणों किसानो की चिंता बढ़ा दी है, वही आसपास के ग्रामवासी cseb प्रबंधन के खिलाफ आक्रोशित हैं.

ग्रामीणों के अनुसार राखड़ बांध गुरुवार की सुबह से लीकेज था, लीकेज की सूचना के बाद भी जिम्मेदार CSEB प्रबंधन का कोई भी अधिकारी झाँकने तक नही पहुंचा, देखते ही देखते करीब 12 बजे 100 मीटर तक तटबंध टूट गया, बांध टूटने से राखड़ तेज गति से खेत खार होते हैं ढिंढोलभांठा के आश्रित ग्राम डोडकधरी गाँव के किनारे तक पहुंच गया, ग्रामीणों की सूचना के 4 घंटे बाद करीब 5 बजे cseb के अधिकारी घटना स्थल पहुंचे और सभी ग्रामीणों को गाँव खाली करा दिया,

44 ग्रामीणों को सामुदायिक भवन मे ठहराया

राखड़ बांध टूटने के बाद बस्ती की ओर बहते राखड़ को देख सभी डर गए, अधिकारियों ने डोडकधरी गाँव के सभी ग्रामीणों को ढिंढोलभांठा के सामुदायिक भवन मे ठहराया, सामुदायिक भवन मे करीब 44 लोगों ने डर मे रात गुजारी.

बोरी से टूटे बांध को बांधने का प्रयास जारी

राखड़ बांध का 100 मीटर से बड़ा एरिया टूट गया है जिसे बोरी मे राखड़ और मिट्टी रेत से भरकर टूटे बांध को बांधने का प्रयास कर रहे हैं, बोरी से टूटे बांध को बंद करने cseb के इस प्रयास से ग्रामीणों मे नाराजगी देखी जा रही है, ग्रामीणों का कहना है की टूटे हुए बांध को सही तरीके से बनाया जाए ताकि दुबारा या घटना न हो, वहीं अधिकारी बोरी से सब ठीक हो जाने की बात कर रहे हैं. पर्यावरण विभाग से कोई भी अधिकारी जायजा लेने नही पहुंचे हैं.