छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा बजट पेश करने की तैयारी में भूपेश सरकार
छत्तीसगढ़/ आकाशवाणी.in
छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा का चुनाव है। इस बीच सरकार में 2023 के बजट पर मंथन शुरू हो गया है। सभी विभागों ने बजट प्रस्ताव मंगा लिए गए हैं। बताया जा रहा है अगले साल मुख्यमंत्री जो बजट पेश करेंगे वह आकार में छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा बजट होगा। इसके लिए विभागों ने जनता से जुड़ी नई योजनाओं पर फोकस रखा है, ताकि सरकार के कामकाज का असर भी दिखे।
शुक्रवार को विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने विभागों के बजट प्रस्तावों पर अधिकारियों से चर्चा की। विशेष रूप से नए खर्ची के प्रस्तावों की बारीकी से जांच की जा रहा है। बजट शेड्यूल के अनुसार वित्त विभाग को सरकारी विभागों के साथ ही विधानसभा सचिवालय ने भी अपने बजट प्रस्ताव जमा करा दिए हैं। इसमें विधायकों के वेतन-भत्ते व स्थापना व्यय शामिल है। विभागों ने मार्च की स्थिति में उनके कार्यालयों की गाड़ियों, फोन व कंप्यूटरों की सूची, स्वीकृत पद संरचना और परिसंपत्तियों की जानकारी भेज दी है।
नए बजट के लिए राजस्व प्राप्तियों व वसूली के बजट अनुमान और अतिरिक्त कुल राजस्व प्राप्तियों के प्रस्ताव भी अलग से भेजा गया है। अब 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक नए बजट प्रस्तावों पर विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा होगी। इसमें विभागाध्यक्ष, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव व उप सचिव शामिल होंगे। 19 से 30 दिसंबर तक वित्त विभाग के सचिव अन्य विभागों के सचिवों के साथ बजट प्रस्तावों पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री के बजट भाषण के लिए पांच जनवरी को सामग्री, परिणामी, जेंडर ऑफ बजट मंगवाए गए हैं। 16 जनवरी से 24 जनवरी तक मुख्यमंत्री मंत्रियों के साथ बजट प्रस्तावों और उसकी दिशा पर राय • मशविरा करेंगे। 17 जनवरी को 31 दिसंबर 22 के बीच वित्त विभाग बकाया गारंटियों की जानकारी लेगा।
👉साढ़े तीन हजार करोड़ का पहला बजट था
मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ एक नवम्बर 2000 को अस्तित्व में आया। नई सरकार की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने 2001 में पहला बजट पेश किया। यह साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए का था। बाद में अनुपूरक को मिलाकर इसका कुल आकार पांच हजार 705 करोड़ रुपए का हुआ। अगले साल का बजट इससे 20% बड़ा होकर छह हजार 870 करोड़ रुपए का हुआ। वहीं 2003 में अजीत जोगी सरकार ने ही बजट में 35% की वृद्धि की।
👉चालू सत्र में एक लाख 4 हजार करोड़ का बजट
साल 2014-15 में बजट का आकार पहली बार 50 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंचा। अनुपूरक को मिलाकर इसका कुल आकार हुआ 54 हजार 710 करोड़ रुपया । यह 2013-14 की तुलना में 24% बड़ा था। 2018 में डॉ. रमन सिंह ने जब अंतिम बजट पेश किया तब तक इसका आकार 83 हजार 179 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2019 में अपना पहला बजट 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक का पेश किया। 2022-23 में इसका आकार एक लाख 4 हजार करोड़ रुपए का हो चुका था।
मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की। कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ के अधिकारी और कर्मचारियों के सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल की जा रही है। इस योजना का फायदा छत्तीसगढ़ के 2 लाख 95 हजार सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कहा था, वह करके दिखाया। गांव केंद्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल को देश भर में पहचान मिली है। इस योजना में माझियों को भी शामिल किया गया। ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए रेशम मिशन की घोषणा की। जगदलपुर में ककून बैंक बनेगा और स्व सहायता समूहों को धागा बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरपंच और पंचों का भत्ता भी बढ़ा। जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ और जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान किया गया। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 15000 से बढ़ाकर 25000, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10000 से जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय 15000 से बढ़ाकर 25000, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10000 से बढ़ाकर 15000 और जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6000 से बढ़ाकर 10000 प्रति माह किया गया है।
खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने राजीव युवा मितान क्लब के लिए 75 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं ग्रामीण और नगरीय निकाय क्षेत्र में क्लबों को गठन किया जाएगा। रायपुर के लाभांडी में टेनिक अकादमी खुलेगी। इसके अलावा आदिवासी खिलाड़ियों के लिए मलखंभ अकादमी की स्थापना होगी।
शहरी क्षेत्र में रहने वाले गरीब परिवारों को पक्का मकान देने के लिए आवास योजना बनाई गई है। इसमें पात्र गरीब परिवारों को पक्का मकान देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने का और प्रयास किया जाएगा। किराए के मकान में निवास करने वाले पात्र हितग्राही परिवारों को भी आवास आबंटन होगा। सरकार की प्राथमिकता है कि आवासहीन परिवारों को भी आवास उपलब्ध हो और वे भी पक्के मकान में निवास कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा, स्वास्थ्य क्षेत्र में कुपोषण से हम जंग जीत रहे हैं। विभिन्न सुपोषण योजनाओं एवं मुख्यमंत्री पोषण अभियान के प्रयास से विगत 3 वर्षों में कुपोषण की दर में 8.7% की कमी आई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ करने के बाद साल 2019 में से अब तक 172000 बच्चे कुपोषण के कुचक्र से बाहर निकाला गया। हिंदी माध्यम बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अंग्रेजी की ही तरह 32 हिंदी माध्यम स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाएंगे। मेडिकल कॉलेज रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के हॉस्टल निर्माण और कर्मचारियों के आवास निर्माण हेतु 10.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मानव तस्करी रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो बनेगा। इसके साथ ही बस्तर संभाग में कार्य कर रहे पुलिसकर्मी सहायक आरक्षकों को पदोन्नति और वेतन भत्ते का लाभ दिलाने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स के नाम पर नए कैडर की घोषणा की गई है। वहीं प्रदेश में 5 पुलिस चौकी मारो, जेवरा – सिरसा, नैला, खरसिया और वाड्रफनगर का थाने में किया जाएगा उन्नयन, 226 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।
