EXCLUSIVE VIDEO👉 CSEB का राखड़ पाइप टूटा, किसी झरने की तहर बहकर नहर के रास्ते हसदेव नदी मे समाया भारी मात्रा में राख ही राख…
आकाशवाणी
कोरबा पश्चिम स्थित
सीएसईबी पावर प्लांट का राखड़ पाइप आज गुरुवार सुबह दो जगह से टूट गया, पाइप लाइन टूटने से राखड किसी झरने की तरह तेज बहाव के साथ सीएसईबी के रिटर्न केनाल में मिलकर हसदेव नदी मे समा गया, सीएसईबी के सिविल प्रबंधन की अनदेखी की वजह से जीवन दायिनी हसदेव नदी का स्वच्छ जल दूषित हो रहा है, इसी रिटर्न केनाल के पानी को डांडपारा के वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट मे प्युरिफाइ कर स्वच्छ जल छुरी के निवासियों को प्रदाय किया जाता है. राखड इर्दगिर्द बिखरे होने से आसपास का इलाका प्रदूषित हो रहा है जिससे यहाँ निवासरत लोगों का जीना मुहाल है, वीडियो मे राखड़ बहता देखकर आप अनदेखी व्यवस्थाओं का अंदाजा लगा सकते हैं
सीएसईबी की 840 mw से उत्सर्जित होने वाली राख (FLY ASH) ननवागांव कला झाबु स्थित राखड़ डैम तक पहुंचाने पाइप लाइन बिछाई गई है, यह पाइप लाइन रिटर्न केनाल से गुजरी है, देखरेख के अभाव मे इस लाइन मे आये दिन पाइप टूटने की घटना घटती रहती है, जिससे राख भारी मात्रा मे नदी मे समाकर स्वच्छ पानी जहरीला हो रहा है. पाइप ट्टूटने से राख आसपास जमा हो जाता है जिसकी सफाई भी नही कराया जाता, सुखने के बाद यही राख हवा मे उडकर लोगों की सांसों मे समाकर उन्हे बीमार बनाता है.
पर्यावरण संरक्षण मंडल कहाँ है?
पाइप लाइन टूटकर राख नदी मे समाये या फिर राखड़ डैम से जान बूझकर बहाये जाने की घटना हो इस ओर पर्यावरण संरक्षण मंडल के जिम्मेदार अधिकारियों की नज़र तक नही जाती जिसका खामियाजा जीवन दायिनी हसदेव नदी और इस पर आश्रितों को चुकानी पड़ती है, लोग एक दूसरे से चर्चा करते पूछते हैं पर्यावरण संरक्षण मंडल कहाँ है, कार्यवाई क्यों नही होती? नदी मे राखड़ छोड़े जाने की घटना मामले मे पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा गिने चुने छोटी कार्यवाई की जाती है, कड़ी कार्यवाई नही होने से cseb सिविल प्रबंधन के भी हौसले बुलंद रहते हैं, ठोस इंतजाम नही किये जाने से पाइप एक ही जगह से बार बार टूटता है एक सप्ताह में ये तीसरी घटना है.
