Sunday, August 3, 2025
कोरबा न्यूज़

5 साल में 4 मीटर तक घट गया भू-जल स्तर, सतही जल पर निर्भर

कोरबा/ आकाशवाणी.इन

नगर निगम के 67 वार्डों में भू-जल स्तर अलग-अलग है। कोरबा शहर में 5 साल के भीतर 4 मीटर भू-जल स्तर में कमी आई है। पहले 18 मीटर पर पानी मिलता था। अब 22 मीटर पर मिल रहा है। दूसरी ओर खदान प्रभावित क्षेत्र कोरबा पश्चिम में 10 साल पहले 21 मीटर पर पानी मिल जाता है। अब 54 मीटर पर पानी मिल रहा है। सभी 67 वार्डों में अब पाइप लाइन से पानी दिया जा रहा है। इसके लिए अभी तक 57 हजार नल कनेक्शन दिए हैं। निगम अब भू-जल स्त्रोत के बजाय सतही जल पर निर्भर है।
कोहड़िया में 80 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) क्षमता के चार ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित थे, लेकिन रोज 40 से 50 एमएलडी पानी खर्च हो रहा है। लोगों को सुबह-शाम पानी की आपूर्ति होती है। मापदंड के अनुसार 135 लीटर पानी रोज हर व्यक्ति को दिया जा रहा है। जिन शहरों में सीवरेज लाइन होती है, वहां 200 लीटर पानी देने का प्रावधान है।
निगम ने पेयजल योजना के लिए हसदेव नदी पर 52 करोड़ रुपए की लागत से एनीकट का निर्माण कराया है, जहां से पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट कोहड़िया जाता है। इसके अलावा केनाल से पानी लिया जाता है। गर्मी के समय ही भू-जल स्तर में अधिक गिरावट देखने को मिलती है। लेकिन कोरबा शहर में 150 से 200 फीट तक पानी मिल जाता है.
भू-जल सर्वे करने इसरो ने काेरबा को चुना
इसरो हैदराबाद की टीम ने कोरबा शहर के भू-जल स्त्रोत का सर्वे करने चयन किया है। एक बार टीम शहर के अलग-अलग हिस्सों का मुआयना कर चुकी है। निगम के सहायक अभियंता राकेश मसीह ने बताया कि गर्मी के समय जून में और बारिश के बाद सैटेलाइट सर्वे से भू-जल स्त्रोत का पता लगाएगी। इसके बाद रिपोर्ट देगी.
पानी के लिए लगे थे 450 से अधिक पंप
निगम क्षेत्र में जल आवर्धन योजना शुरू होने के पहले वार्डों में 450 से अधिक पंप लगाए गए थे। जहां से पानी की आपूर्ति घरों में होती थी। पाइप लाइन से पानी आपूर्ति शुरू होने के बाद पंपों को बंद किया जा रहा है। इसके साथ ही नई बस्तियों में नल कनेक्शन देने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है.
शहर का भू-जल स्तर सामान्य: एसडीओ
पीएचई के एसडीओ आर.के. चतुर्वेदानी का कहना है कि काेरबा शहर का भू-जल स्तर सामान्य है। हैंडपंप में 100 फीट में पानी आ जाए तो बेहतर माना जाता है। कोरबा में इससे नीचे जाने की स्थिति नहीं बनती है। खदान क्षेत्रों में जरूर भू-जल स्त्रोत 150 फीट से नीचे चला जाता है.