Saturday, August 2, 2025
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़:पक्का मकान बनने से सुशीला का सपना हुआ पूरा

आकाशवाणी.इन

मौसमी परेशानियों से मिली मुक्ति

कांकेर,14 जनवरी 2025.प्रधानमंत्री आवास योजना से जिले के गरीब परिवारों का सपना पूरा हो रहा है.ऐसे ही कांकेर की जनकपुर वार्ड क्रमांक-20 निवासी श्रीमती सुशीला बाई यादव का पक्का मकान बनाने का सपना पूरा हुआ और कच्चे मकान में होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिली.अब उनका स्वयं का मकान बनाने का सपना पूरा हुआ.अब वे और उनका परिवार पक्के मकान में सुकून से रहते हैं.

श्रीमती यादव ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं, उनकी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है तथा पति का देहांत हो चुका है.पति की मृत्यु के बाद परिवार की भरण-पोषण करने में कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था.अपने परिवार का जीवन-यापन के लिए वह प्राईवेट अस्पताल में साफ-सफाई का कार्य करती है

, जिससे उसे 6 हजार रूपए प्रतिमाह पारिश्रमिक मिलता है.उन्होंने बताया कि पूर्व में उनका परिवार कच्चे मकान में रहते थे.कच्चे मकान में रहना बहुत ही मुश्किल हो गया था.उनका निवास पहाड़ के पास होने से जीव-जन्तुओ और जंगली जानवरों का खतरा बना रहता था और बरसात के मौसम में छप्पर व दीवारों में रिसाव से पानी भी टपकता था.

उन्होंने बताया कि तब नगरपालिका के प्रधानमंत्री आवास वाले सर्वेयर एवं कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी दी गई.साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए फार्म भरवाकर मेरा आवास स्वीकृत कराया गया

मौसमी परेशानियों से मिली मुक्ति

कांकेर (वीएनएस).प्रधानमंत्री आवास योजना से जिले के गरीब परिवारों का सपना पूरा हो रहा है.ऐसे ही कांकेर की जनकपुर वार्ड क्रमांक-20 निवासी श्रीमती सुशीला बाई यादव का पक्का मकान बनाने का सपना पूरा हुआ और कच्चे मकान में होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिली. अब उनका स्वयं का मकान बनाने का सपना पूरा हुआ.अब वे और उनका परिवार पक्के मकान में सुकून से रहते हैं.

श्रीमती यादव ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं. उनकी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है तथा पति का देहांत हो चुका है.पति की मृत्यु के बाद परिवार की भरण-पोषण करने में कई प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था.अपने परिवार का जीवन-यापन के लिए वह प्राईवेट अस्पताल में साफ-सफाई का कार्य करती है.जिससे उसे 6 हजार रूपए प्रतिमाह पारिश्रमिक मिलता है. उन्होंने बताया कि पूर्व में उनका परिवार कच्चे मकान में रहते थे.कच्चे मकान में रहना बहुत ही मुश्किल हो गया था.

उनका निवास पहाड़ के पास होने से जीव-जन्तुओ और जंगली जानवरों का खतरा बना रहता था और बरसात के मौसम में छप्पर व दीवारों में रिसाव से पानी भी टपकता था.उन्होंने बताया कि तब नगरपालिका के प्रधानमंत्री आवास वाले सर्वेयर एवं कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी दी गई.साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए फार्म भरवाकर मेरा आवास स्वीकृत कराया गया.