मनरेगा के तहत विशेषज्ञों ने मेट-फील्ड कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण
आकाशवाणी.इन
मनरेगा के तहत विशेषज्ञों ने मेट-फील्ड कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण
धमतरी, 06 जनवरी 2025 . महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत मेट एवं फील्ड कर्मचारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण जिला पंचायत सभा कक्ष में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोमा श्रीवास्तव के उपस्थिति में संपन्न हुआ.इस अवसर पर मेट का दायित्व एवं भूमिका.ग्राम पंचायत से समन्वय, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का प्रस्तुतीकरण, जल संरक्षण संवर्धन एवं टूल्स (अटल भूजल योजना), अनुमेय कार्य एवं मनरेगा का दिशा-निर्देश और एनएमएमएस कार्य का प्रस्तुतीकरण, सोशल ऑडिट एवं हमारी भूमिका, सात पंजी, जॉब कार्ड एवं रोजगार, दिवस अभिसरण कार्य, आजीविका प्लान एवं आदर्श ग्राम पंचायत जैसी विषयों के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने मेट प्रशिक्षण का महत्व एवं उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मनरेगा कार्य स्थल पर नाप जोख करना, श्रमिकों की उपस्थिति भरना मेट का दायित्व होता है। मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों के लिए छाया, पानी, चिकित्सा एवं शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी श्रमिकों को अवश्य दी जावें। श्रमिकों के जॉब कार्ड जारी करने, श्रमिकों के रोजगार के लिए प्रपत्र भरवाने, प्राप्ति रसीद देने, श्रमिक को ग्रुप टास्क अनुसार कार्य करवाने में मेट अपनी भूमिका अवश्य निभाएं।
मनरेगा श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा का उपबंध है, जिसका मुख्य उद्देश्य है कार्य करने का अधिकार। जो एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। पंचायतों में नहरें, तालाब, डबरी, कुंआ, आंगनबाड़ी भवन, पीडीएस गोदाम, महतारी सदन जैसे परिसंपत्ति का निर्माण किया जा रहा है। वहीं पर्यावरण सुरक्षा, ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने.ग्रामीण शहरी प्रवास को कम करने और सामाजिक इक्विटी को बढ़ावा देने में योजना मददगार साबित हो रहा है.
इन सारी चीजों को समझने में मेटों की भूमिका अग्रणी होनी चाहिए.पंचायतों में प्रत्येक माह के सात तारीख को रोजगार दिवस का आयोजन किया जाता है.रोजगार दिवस पर 50 दिन रोजगार प्राप्त करने वाले जॉब कार्डधारी की पहचान कर उनकी सूची बनाने तथा योजनांतर्गत हितग्राहियों द्वारा 25 दिवसों के रोजगार की मांग का आवेदन प्राप्त कर 75 दिवस के रोजगार दिवसों की कार्य योजना के अनुरुप कार्य प्रारंभ कराए जाने की भी जानकारी विस्तार से दी गई.
मेट प्रशिक्षण सत्र में नागरिक सूचना पटल की उपयोगिता और उसमें प्रदर्शित की जाने वाले जानकारी एवं उसकी सुरक्षा के प्रति प्रत्येक ग्रामीण की प्रतिबद्धता के बारे में बताया गया. वहीं सात पंजी अद्यतन की स्थिति से भी विशेषज्ञों द्वारा मेटों को अवगत कराया गया. महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत श्रमिकों के अधिकार एवं हकदारियां.योजना बनाने का अधिकार.पांच किलोमीटर के दायरे में काम करने का अधिकार.कार्य स्थल पर सुविधाओं का अधिकार.समय बद्ध शिकायत निवारण का अधिकार समवर्ती सामाजिक संपरीक्षा और महात्मा गांधी नरेगा में हुए संपूर्ण व्यय की सामाजिक संपरीक्षा करने का अधिकार के माध्यम से भी विस्तृत जानकारी दी गई.
प्रशिक्षण में जल संरक्षण संवर्धन एवं टूल्स (अटल भूजल योजना) के बारे में जानकारी दी गई कि जल संरक्षण में जल संसाधनों की जिम्मेदारी से और कुशलता पूर्वक उपयोग करना शामिल है ताकि जल की बर्बादी को कम किया जा सके भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसकी उपलब्धता को बनाए रखा जा सके.जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास के कारण पानी की बढ़ती मांग के कारण कई क्षेत्रों में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.जल संरक्षण करके हम इस दबाव को कम कर सकते हैं.आजीविका प्लान एवं आदर्श ग्राम पंचायत गोद लिए गए गांवों के विकास के लिए एक अनूठा सहयोग है.
चिन्हीत गांव में संसाधनों और विशेषज्ञता का विशेष ध्यान रखकर कार्य कराई जावें। प्रशिक्षण में सहायक परियोजना अधिकारी धरम सिंह, जय वर्मा डीपीएम एन.आर.एल.एम., हितेश सिन्हा प्रोग्रामर.जनपद पंचायत सीईओ दीपक ठाकुर.अमित सेन.दिव्या ठाकुर, करुणा सागर पटेल.कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक, स्वयं सेवी संस्था प्रदान, ग्राम रोजगार सहायक, मनरेगा मेट.पीआरपी( बिहान) एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
मेट प्रशिक्षण सत्र में नागरिक सूचना पटल की उपयोगिता और उसमें प्रदर्शित की जाने वाले जानकारी एवं उसकी सुरक्षा के प्रति प्रत्येक ग्रामीण की प्रतिबद्धता के बारे में बताया गया। वहीं सात पंजी अद्यतन की स्थिति से भी विशेषज्ञों द्वारा मेटों को अवगत कराया गया। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत श्रमिकों के अधिकार एवं हकदारियां, योजना बनाने का अधिकार.पांच किलोमीटर के दायरे में काम करने का अधिकार, कार्य स्थल पर सुविधाओं का अधिकार, समय बद्ध शिकायत निवारण का अधिकार समवर्ती सामाजिक संपरीक्षा और महात्मा गांधी नरेगा में हुए संपूर्ण व्यय की सामाजिक संपरीक्षा करने का अधिकार के माध्यम से भी विस्तृत जानकारी दी गई.
प्रशिक्षण में जल संरक्षण संवर्धन एवं टूल्स (अटल भूजल योजना) के बारे में जानकारी दी गई कि जल संरक्षण में जल संसाधनों की जिम्मेदारी से और कुशलता पूर्वक उपयोग करना शामिल है ताकि जल की बर्बादी को कम किया जा सके भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसकी उपलब्धता को बनाए रखा जा सके.जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास के कारण पानी की बढ़ती मांग के कारण कई क्षेत्रों में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.जल संरक्षण करके हम इस दबाव को कम कर सकते हैं.आजीविका प्लान एवं आदर्श ग्राम पंचायत गोद लिए गए गांवों के विकास के लिए एक अनूठा सहयोग है. चिन्हीत गांव में संसाधनों और विशेषज्ञता का विशेष ध्यान रखकर कार्य कराई जावें.
प्रशिक्षण में सहायक परियोजना अधिकारी धरम सिंह.जय वर्मा डीपीएम एन.आर.एल.एम. हितेश सिन्हा प्रोग्रामर.जनपद पंचायत सीईओ दीपक ठाकुर.अमित सेन.दिव्या ठाकुर.करुणा सागर पटेल.कार्यक्रम अधिकारी.तकनीकी सहायक.स्वयं सेवी संस्था प्रदान, ग्राम रोजगार सहायक.मनरेगा मेट.पीआरपी( बिहान) एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
