धान खरीदी में पारदर्शिता और सुव्यवस्था से किसानों में बढ़ी आत्मविश्वास और खुशी
आकाशवाणी.इन
धान खरीदी में पारदर्शिता और सुव्यवस्था से किसानों में बढ़ी आत्मविश्वास और खुशी
कोरबा,29दिसंबर 2024 छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में जिले में धान खरीदी का सिलसिला अनवरत जारी है.सरकार द्वारा 3100 रुपये समर्थन मूल्य पर 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीदी की जा रही है.जिससे किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य प्राप्त हो रहा है एवं किसान आर्थिक रूप से मजबूत बन रहे है। विष्णु के सुशासन में धान खरीदी केंद्रों में किसानों की सुविधा के सारे इंतजाम किए गए हैं.उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी हेतु प्रभावी और व्यवस्थित व्यवस्था होने से किसानों में धान विक्रय को लेकर उत्साह और संतोष का माहौल है.
करतला के चिकनीपाली धान खरीदी केंद्र में धान बेचने पहुंचे फत्तेगंज के किसान दूजराम मन्नेवार ने बताया कि केंद्रों में धान बेचने में किसी तरह की समस्या नहीं आ रही है साथ ही केंद्रों में माइक्रो एटीएम की सुविधा मिलने से अब छोटे छोटे खर्चों के लिए त्वरित रूप से पैसे मिल जाते है.जिससे किसानों को बड़ी सुविधा मिल रही है.किसान दूजराम ने बताया कि आज उन्होने धान बेचने के लिए पहले टोकन ऑनलाइन कटाया है और अपनी उपज का 60 क्विंटल धान बेचने आए है.उन्होंने 4.50 एकड़ जमीन में फसल लिया है.और कुछ दिन बाद वे अपनी बची उपज को भी केंद्र ममे विक्रय के लिए लाएंगे.किसान ने कहा कि पहले उन्हें अपनी उपज बेचने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था.लेकिन अब धान खरीदी की सुव्यवस्थित प्रक्रिया और त्वरित भुगतान से उनके मनोबल में वृद्धि हुई है.समुचित व्यवस्था और सरकार की ओर से मिल रहे उचित समर्थन मूल्य से किसान अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं और उनके चेहरों पर खुशी की झलक साफ देखी जा सकती है.
इसी प्रकार अपना 20 क्विंटल धान बेचने आए किसान शंकर प्रसाद ने धान बेचने में हुई सुविधा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि.पहले जहां हमें लंबे इंतजार और कठिनाई का सामना करना पड़ता था.वहीं अब इस सरल और त्वरित प्रक्रिया ने हमारी मुश्किलें कम कर दी हैं.धान बेचने में अब कोई परेशानी नहीं होती और हम आसानी से उचित मूल्य प्राप्त कर पा रहे हैं, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है.
उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की यह सुव्यवस्थित व्यवस्था अब किसानों को आश्वस्त करती है. जिससे वे आत्मविश्वास के साथ अपनी उपज विक्रय करने आते हैं और सही मूल्य प्राप्त कर अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.यह प्रक्रिया न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है.बल्कि उन्नत कृषि के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
