Tuesday, August 5, 2025
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आज का पंचांग 17 नवंबर 2024: जानें रविवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

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आज का पंचांग 17 नवंबर 2024: जानें रविवार का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहु काल का स

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक – 17 नवम्बर 2024*

🌤️ *दिन – रविवार*

🌤️ *विक्रम संवत – 2081*

🌤️ *शक संवत -1946*

🌤️ *अयन – दक्षिणायन*

🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*

🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*

🌤️ *पक्ष – कृष्ण*

🌤️ *तिथि – द्वितीया रात्रि 09:06 तक तत्पश्चात तृतीया*

🌤️ *नक्षत्र – रोहिणी शाम 05:22 तक तत्पश्चात मृगशिरा*

🌤️ *योग – शिव रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात सिद्ध*

🌤️ *राहुकाल – शाम 04:33 से शाम 05:57 तक*

🌤️ *सूर्योदय 06:51*

🌤️ *सूर्यास्त – 5:55*

👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*

🚩 *व्रत पर्व विवरण –

💥 *विशेष – *द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

 

🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷

👉 *18 नवम्बर 2024 सोमवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 07:55)*

🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*

🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*

🌷 *ॐ सोमाय नमः ।

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

‪🌷 *चतुर्थी‬ तिथि विशेष* 🌷

🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।*

📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।*

🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*

🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “ पूजा चतुर्थ्यां  पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*

➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*

🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷

🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*

👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*

🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*

🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*

🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*

🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*

🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*

🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞पंचक आरम्भ

नवम्बर 9, 2024, शनिवार को 11:27 पी एम बजे

पंचक अंत

नवम्बर 14, 2024, बृहस्पतिवार को 03:11 ए एम बजे

🙏🏻🌷🌸🌼💐☘🌹🌻🌺🙏🏻जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनायें बधाई और शुभाशीष

दिनांक 17 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं।

शुभ दिनांक : 8, 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44

शुभ वर्ष : 2024, 2042

ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता

शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी