पाकिस्तान की जेल मे कैद थे “शोले” के रहीम चाचा, 52 साल में की उम्र में हुई एक्टिंग में एंट्री, बेहद दुःखद थे अंतिम दिन
बॉलीवुड/ आकाशवाणी.इन
फिल्म ‘शोले (Sholay)’ में ‘रहीम चाचा’ का किरदार निभाकर एक्टर एके हंगल (AK Hangal) घर-घर मशहूर हो गए थे, जिनका पूरा नाम अवतार किशन हंगल था. फिल्म में उनके छोटे से रोल ने उन्हें इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दी, लेकिन आपको यह जानकर कापी हैरानी होगी कि एके हंगल की फिल्मों में एंट्री ही 52 साल की उम्र में हुई थी और इतने उम्र में एक्टिंग शुरू करने वाले हंगल साहब ने कुल 225 से ऊपर फिल्मों में भी काम किया.
हंगल साहब आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा फिल्मों में की गई किरदारों ने उन्हें अमर बना दिया है और आज भी वह अपने चाहने वालों के दिलों में जिंदा हैं. तो चलिए, आज आपको एके हंगल की जिंदगी से जुड़ी कुछ अनसुनी बातों के बारे में बताते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हंगल साहब का जन्म ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत (अब पंजाब, पाकिस्तान में) के सियालकोट में एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था. उन्होंने अपना बचपन और जवानी पेशावर में बिताई, जहां वह कुछ प्रमुख भूमिकाओं के लिए थिएटर किया करते थे.
उनका पारिवारिक घर रेती गेट के अंदर था. उनके पिता का नाम पंडित हरि किशन हंगल था. उनकी माता का नाम रागिया हुंडू था. उनकी दो बहनें थीं- बिशन और किशन. उनका विवाह आगरा की मनोरमा डार से हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उन्होंने सबसे पहले एक दर्जी के रूप में अपने पहले काम की शुरुआत की थी. वह 1929 से 1947 तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदार थे. वह 1936 में पेशावर में एक थिएटर समूह श्री संगीत प्रिया मंडल में शामिल हो गए और 1946 तक अविभाजित भारत में कई नाटकों में अभिनय करना जारी रखा.
हंगल साहब के पिता की रिटायरमेंट के बाद, परिवार पेशावर से कराची चला गया. कहा तो जाता है कि 1947 से 1949 तक दो साल पाकिस्तान के कराची में एक कम्युनिस्ट रहने के कारण उन्हें जेल हुई थी और बाद में, 1949 में भारत के विभाजन के बाद वे मुंबई आ गए थे, जहां वह बलराज साहनी और कैफी आजमी के साथ थिएटर ग्रुप इप्टा से जुड़े थे. फिल्म उन्होंने 1949 से 1965 तक भारत के सिनेमाघरों में कई नाटकों में अभिनय किया.
आपको यह जानकार बेहद हैरानी होगी कि जब 1966 में हंगल साहब को उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘तीसरी कसम’ मिली, तो उनकी उम्र उस वक्त 52 साल थी, इस फिल्म में उन्होंने राज कपूर के बड़े भाई का किरदार निभाया था. यहां से हंगल साहब एक के बाद एक लगातार 225 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया, लेकिन इसके बावजूद उनका अंत बेहद दुखद रहा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिंदगी के आखिरी पल में वह आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, उनके पास इलाज तक के पैसे नहीं थे और उस वक्त हंसल साहब के बेटे ने मदद की गुहार लगाई थी और फिर बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने उनकी मदद की थी, जिसमें अमिताभ बच्चन का नाम भी शामिल था, लेकिन 16 अगस्त 2012 में उन्होंने 98 साल की उम्र में आखिरी सांसे लीं.
