Monday, June 16, 2025
CHATTISGARHRahul Vermaआकाशवाणी.इनकोरबा न्यूज़

जंगल को तो बचा लो साहब..! विनाश के कगार पर पाली वन परिक्षेत्र, वन अमले की हठधर्मिता व उदासीनता से अंधाधुंध वनों की कटाई

आकाशवाणी.इन

कोरबा,पाली, वनमंडल कटघोरा के पाली वन परिक्षेत्र कसावट के अभाव में लापरवाही के शिखर को लांघने से बाज नही आ रहा है। विभाग पर वनों के रक्षा का दायित्व है, परन्तु वन परिक्षेत्राधिकारी के हठधर्मिता और कार्यो के प्रति उदासीनता से वन संपदा को भारी नुकसान पहुँच रहा है। ऐसे में लापरवाह अधिकारी, वन कर्मियों के निठल्लेपन से वन माफियाओं की चांदी हो गई है। विभागीय अमला कार्यालय बैठे- बैठे अपना कर्तव्यपालन कर रहे है। इस पर आला अफसरों का नियंत्रण दूर- दूर तक देखने को नही मिल रहा है। जिससे वनों के विनाश का क्रम चल रहा है।

घनघोर वन व प्राकृतिक संपदा से पूरे राज्य में ख्यातिमान कटघोरा वन मंडल के पाली परिक्षेत्र में वनों पर एक बार फिर विनाश के बादल मंडरा रहा है। वन माफिया लकड़ी के चक्कर मे हरे- भरे, छोटे पेड़ों को बेदर्दी से काटकर जंगल का उजाड़ कर रहे है। वनों की अवैध कटाई के बारे में जानकारी वन विभाग के छोटे- बड़े फील्ड के नौकरशाहों को भी है, लेकिन उच्चाधिकारी के पकड़ से बाहर होने का फायदा उठाकर इस ओर ध्यान नही दे रहे है। अलबत्ता करोड़ो रूपये प्रतिवर्ष खर्च कर वन बचाने की सरकारी मंशा पर पानी फिरता जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पाली वन परिक्षेत्र कार्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर सराईपाली साल के जंगल मे देखा जा सकता है। जो वन माफियाओं की काली नजर से बच नही सका है। एनएच मार्ग से लगे सराई के जंगल के छोटे पेड़ो की अंधाधुंध कटाई कर उजाड़ किया जा रहा है। पेड़ो को काटने के बाद वन माफिया बकायदा लकड़ी को बेच रहे है। सूत्रों की माने तो पूर्व पदस्थ रहे परिक्षेत्राधिकारियों के सक्रियता से साल का यह जंगल पूरी तरह सुरक्षित रहा है, किन्तु वर्तमान पदस्थ रेंजर के निष्क्रियतापन से वनों की कटाई और वनभूमि पर अवैध कब्जे करने वालो को मानो छूट मिल गया है। इसका अंदाजा सराईपाली के साल जंगल मे दिख रहे अनगिनत ठूंठ से लगाया जा सकता है। वनों के संरक्षण, संवर्धन के नाम पर पाली का वन अमला सरकार से मोटी तनख्वाह ले रही है परंतु अधिकारी जहां कार्यालय के वातानुकुलित कक्ष में तो कर्मचारी घर बैठे अपने- अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उजड़ रहे वनों की सुरक्षा के नाम पर वन मंत्रालय छत्तीसगढ़ को चूना लगा रहे है। इस संबंध पर जानकारी देने और प्रतिक्रिया जानने जब पाली वन परिक्षेत्राधिकारी संजय लकड़ा से फोन पर बात की गई तब उन्होंने कार्यालय बुलाया और जंगल कहां कटाई हुआ है, अपने लाव लस्कर के साथ लेकर जाने को कहा। जब उन्हें कटाई स्थल पर ले जाया गया तो अंधेरे होने की बात कहते हुए वापस लौट गए। इस दौरान उनके साथ शामिल लगभग 8- 9 कर्मचारी अभद्र व्यवहार करते नजर आए। शीर्ष अधिकारी ऐसे हठधर्मिता व लापरवाह वन अमले पर नकेल कसे व उन्हें उनके कर्तव्यों का पाठ पढ़ाते हुए जंगल सुरक्षा के जिम्मेदारी का बोध कराए। यदि पाली वन अमले का आगे यही रवैया रहा तो घने जंगल का उजाड़ होने से कतई इंकार नही किया जा सकता।