साइबर प्रहरी जागरुकता अभियान” : DURG POLICE ने साइबर प्रहरी एप से 45 हजार लोगों को जोड़ा, हर दिन फोटो, वीडियो और पोस्ट भेजकर बता रहे साइबर फ्रॉड से कैसे बचें
आकाशवाणी.इन
दुर्ग पुलिस ने शुक्रवार को साइबर प्रहरी जागरुकता अभियान की शुरुआत कर स्मार्ट एवं हाईटेक पुलिसिंग की ओर नया कदम रखा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राम गोपाल गर्ग ने भिलाई सेक्टर 6 में इस अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गर्ग ने कहा कि इस अभियान के तहत जिले के सभी थानों में डिजिटल बीट पुलिसिंग के तहत काम किया जाएगा। इसके तहत बीट सिस्टम वाइस व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें अभी तक कुल 45000 से अधिक लोगों को जोड़कर उन्हें प्रतिदिन फोटो, वीडियो और पोस्ट के माध्यम से साइबर क्राइम से जुड़े अपराधों के बारे में जागरूक कराया जा रहा है। अतिरिक्त पुलिस अभिषेक झा ने कहा अभियान का मुख्य उद्देश्य पुलिस और आम आदमी को नई टेक्नोलॉजी के जरिए एक दूसरे से जोड़ना है।
साइबर प्रहरी के माध्यम से आम लोगों को जो समस्याएं आ रही है, वह उसे सीधे पुलिस से साझा कर सकते हैं। पुलिस भी नए-नए तरीकों से किए जा रहे साइबर फ्राड के बारे में समझाइश देकर लोगों को इससे बचा सकती है। इस कार्यक्रम के प्रमुख प्रायोजक मेघ गंगा ग्रुप के मनीष पारख, दुर्ग मिनी बस मालिक संघ के अध्यक्ष प्रकाश देशलहरा, कल्याणी नशा मुक्ति से अजय जी, एक्स आर्मी संघ के अध्यक्ष हरप्रीत, डिजाइन से अजय रात्रे रहे। इस जागरूकता अभियान में नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अभिषेक झा, साइबर थाना उपनिरीक्षक डॉ. संकल्प राय एवं साइबर के तकनीकी शाखा के कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा है।
3 प्रोजेक्ट, जो समस्याएं सुलझाएंगे
1. साइबर प्रहरी : इसके माध्यम से लोगों को साइबर फ्रॉड कैसे होते हैं, उसके बारे में जागरूक किया जा सके, जिससे वे इसके चंगुल में आने से बच सके। यह जनता के साथ जुड़ने के लिए पुलिस का एक तरीका है। इसके जरिए बीट आरक्षक अधिक से अधिक लोगों को वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोडे़ंगे। पुलिस कंट्रोल रूम के जरिए हर दिन उन्हें जागरुकता के लिए मैसेजे भेजा जाएगा।
2. त्रिनयन एप : शहर में जितने भी सीसीटीवी कैमरा लगे हैं, उनकी जिओ पाइंट से मैपिंग कर डेटा बेस तैयार किया जाएगा। इससे अपराध सुलझाने में मदद मिल सकेगी।
3. सशक्त एप : इस एप में कानून की सभी धाराओं से लेकर चोरी गए वाहनों के रिकॉर्ड, विभागीय परिपत्र में दर्ज किए जा रहा है। इससे संदिग्ध और चोरी के वाहन के बारे में आसानी से पता किया जा सकेगा।
