Monday, June 16, 2025
कोरबा न्यूज़

विद्यालयो की मरम्मत कराने मिली राशि, शुरू नहीं हो पाया काम

कोरबा/ आकाशवाणी.इन

प्रदेश के बदहाल हो चुके स्कूल भवनों का मरम्मत कराने राज्य शासन से प्रति स्कूल 3 लाख रुपए से मरम्मत कराया जाना है। इस राशि का आवंटन भी विभाग को मिल गया है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 समाप्त हो चुका है। ग्रीष्मकालीन छुट्टियां लग गई हैं। नया शिक्षा सत्र 16 जून से शुरू हो जाएगा। ऐसे में विभाग के पास बदहाल स्कूल भवनों का मरम्मत कराने के लिए महज 45 दिन रह गए हैं.
15 जून तक मानसून सक्रिय हो जाता है, इसलिए बारिश में काम कराना मुश्किल होता है। मरम्मत कौन कराएगा स्कूल प्रबंधन या विभाग एजेंसी नियुक्त कर करेगी, यह भी अभी तय नहीं है। यही स्थिति रही तो नए शिक्षा सत्र में भी बदहाल भवन में ही छात्रों को बैठकर पढ़ाई करनी पड़ेगी.
विभाग द्वारा शासन से 261 नए स्कूल भवन बनाने के साथ ही 448 बदहाल भवनों के मरम्मत के लिए राशि करीब 51 करोड़ 39 लाख रुपए की मांग की थी। हालांकि इस मांग के विपरीत विभाग को करीब 14 करोड़ रुपए का आवंटन मिल चुका है। अब इस राशि में नए भवन तो नहीं बनेंगे, लेकिन मरम्मत का कार्य कराया जाना है, जो अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इस संबंध में उनका पक्ष जानने जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी. भारद्वाज से संपर्क किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके.
बड़ा काम, इसलिए प्रबंधन का टेंडर निकालना जरूरी
एक स्कूल में कम से कम 3 लाख रुपए का काम कराया जाना है। इसलिए यह काम सीधे-सीधे स्कूल प्रबंधन या विभाग द्वारा नहीं कराया जा सकता। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया अपनानी होगी। अगर अभी टेंडर जारी होता है तो कम से कम 15 दिन का समय देना होगा निविदाकारों को। उसके बाद कम बोली वाले निविदादाता के साथ अनुबंध किया जाएगा और उसे काम शुरू करने एनओसी दी जाएगी.
सबसे ज्यादा खराब स्थिति में हैं प्राइमरी स्कूल
वर्षों से मरम्मत नहीं होने के कारण जिले के अधिकांश प्राइमरी स्कूल भवन बदहाल हो चुके हैं। अब उनका मरम्मत कराया जाना है। मरम्मत कराने के योग्य सबसे अधिक 269 प्राइमरी स्कूल हैं, जबकि 154 मिडिल व 19 हायर सेकंडरी स्कूलों के भवनों की मरम्मत कराई जानी है। हर साल स्कूलों को छोटी-मोटे कामों के लिए राशि दी जाती है, जिसमें भवन का रंग-रोगन भी शामिल रहता था, इस राशि का भी सही उपयोग नहीं होने से स्कूलों की स्थिति खराब हो रही है.