Thursday, August 14, 2025
कोरबा न्यूज़छत्तीसगढ़

चारा पानी के अभाव में गाय तोड़ रहीं दम, मामले में सभापति की चेतावनी, अधिकारियों में हड़कंप…

आकाशवाणी.इन

कोरबा, 14 अगस्त 2025/ कोरबा के एक गौठान में गायों की मौत का मामला सामने आया है। इस मामले में नगर निगम के सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने इसे गौ हत्या बताया है और कहा है कि इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. सभापति ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस चेतावनी के बाद हड़बड़ाये नगर निगम के अधिकारी एफआईआर दर्ज कराने सिविल लाइन थाना पहुंचे.

गौठान में गायों की मौत की जानकारी मिलते ही सभापति नूतन सिंह ठाकुर मौके पर पहुंचे और उन्होंने देखा कि गायों को चारा-पानी नहीं दिया जा रहा था। गायों की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सभापति ने कहा कि यह गौ हत्या है.

बताया जा रहा है कि इस मामले में नगर निगम के अधिकारी सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी पहुंचे थे.

गौठान में गायों की मौत के मामले ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं।  क्या नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी सही तरीके से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं?

इस मामले की जांच के लिए नगर निगम ने एक समिति का गठन किया है। समिति को इस मामले की जांच करने और जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने का निर्देश दिया गया है.

गौठान में गायों की मौत के मामले ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

इस मामले में अधिवक्ता अब्दुल नफीस खान ने बताया कि उन्होंने गौठान की एक वीडियो बनाई थी, जिसमें गायों की दुर्दशा को दिखाया गया था। उन्होंने बताया कि गौठान में गायों को चारा-पानी नहीं दिया जा रहा था और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया था.

इस मामले में नगर निगम के आयुक्त आशुतोष पांडेय ने बताया कि उन्होंने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। जो जांच करने के साथ जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेंगे.

यह बातें आपको भी जाननी चाहिए कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी की सरकार गौवंश के संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ तमाम तरह की योजनाओं पर काम करने दावा करती है तो वहीं दूसरी तरफ इसी सरकार के सरकारी तंत्र में सरकारी अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण गौवंश की हत्या हो रही है। कोरबा में ऐसा मामला सामने आया है जिसमें सरकारी अधिकारियों की घोर लापरवाही और नजरअंदाजी के कारण कई मवेशियों ने दम तोड़ दिया है, गाय कांजी हाउस में मरणासन्न अवस्था में मिले, जहाँ उनके कोटना में ना तो चारा मिला, ना पानी। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन बेजुबान गौवंशों का चारा डकार लिया, उनका पानी पी गए, यह कहना गलत ना होगा कि कहीं ना कहीं यह सबकुछ सरकारी संरक्षण में हुआ.

यह मामला नगर पालिक निगम कोरबा के कोसाबाड़ी जोन अंतर्गत वार्ड खरमोरा से लगे गोकुल नगर गौठान में देखने को मिला। युवा अधिवक्ता अब्दुल नफीस खान किसी कार्य से गोकुल नगर की तरफ गए थे तो अचानक उनकी नजर इस गौठान पर पड़ी जहां उन्होंने मवेशियों की दुर्दशा देखी, गौठान को नजदीक से अंदर का हाल देखा तो उनका भी दिल दहल उठा, गायों की दुर्दशा देख उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने इस पूरे क्षेत्र की वीडियो बनाते हुए साझा किया.

यह गौ हत्या है- सभापति

सभापति नूतन सिंह ने इसे घोर व अक्षम्य लापरवाही बताते हुए कहा कि गायों की मौत सामान्य नहीं, बल्कि क्रूरता के साथ उनकी हत्या हुई है। उन्होंने इस मामले को “गौ हत्या” बताते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति, चाहे वह निगम का अधिकारी हो, कर्मचारी हो, ठेकेदार हो या लेबर सप्लायर हो, उसके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। सभापति ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस चेतावनी के बाद हड़बड़ाये नगर निगम के अधिकारी एफआईआर दर्ज कराने सिविल लाइन थाना पहुंचे.

6 माह से नहीं मिला मानदेय-
इस दौरान पूछताछ में यह बात सामने आई की रसीद खान को लड़के रख कर गौठान में मवेशियों की देखरेख के लिए कहा गया था। जब यहां कार्यरत लड़कों को बुलवाया गया तो उन्होंने बताया कि 6 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है तब ऐसे में वह काम नहीं कर सके और गौठान को छोड़कर चले गए। इसी तरह इन मवेशियों के इलाज के संबंध में जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि पशु चिकित्सक यहां बीच-बीच में आकर इलाज करते हैं। पशु चिकित्सक को तलब किया गया तो उन्होंने बताया कि वह हर 15 दिन में यहां आते हैं और आवश्यक इलाज कर चले जाते हैं। अब सवाल जायज है कि जब नगर निगम के खर्चे से यह गौठान/ कांजी हाउस संचालित हो रहा है, नगर निगम के खाते से कांजी हाउस में रहने वाले मवेशियों के लिए चारा-पानी की राशि निकल रही है तो आखिर इसे डकार कौन रहा है? क्या बेजुबानों के हक का चारा-पानी भी भ्रष्ट अधिकारियों ने मिलीभगत से हजम कर लिया है, यह जांच का विषय है और बताया जा रहा है कि इसकी जांच अवश्य होगी.