श्वेता हॉस्पिटल की संचालक डॉक्टर मनियारो कुजूर के निलंबन की मांग को लेकर ग्रामीणों ने फिर किया चक्काजाम…
आकाशवाणी.इन
अस्पताल को 15 दिनों के लिए किया सील और 20 हजार जुर्माना से संतुष्ट नही ग्रामीण, कार्यवाई को बताया खानापूर्ति
कोरबा, 28 जून 2025/ पिछले दिनों गोढ़ी गांव की रहने वाली 24 वर्षीय अंजली राजपूत कि पिछले दिनों के प्रसव के दौरान मौत के मामले को लेकर परिजनों और गांव के लोगों की नाराजगी बनी हुई है। अपने ऐलान के तहत उन्होंने श्वेता हॉस्पिटल की संचालक वह मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर मनियारो कुजूर के निलंबन और डॉक्टर तृप्ति मरकाम पर कार्रवाई को लेकर अस्पताल के सामने मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शन को देखते हुए यहां काफी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.
7 जून को अंजली सिंह को प्रसव के लिए इस अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया था। उनका दावा है कि अस्पताल से यहां लाकर एडमिट कराए जाने तक सब कुछ ठीक-ठाक और उसके बाद ही प्रबंधन ने मामला बिगड़ने की जानकारी दी। कई अंकों के काम नहीं करने का दावा किया। सिजेरियन ऑपरेशन करने की बात कही और फिर इसी दरमियान अंजलि की मौत हो गई। इस घटना को लेकर सिविल लाइन पुलिस ने अपनी ओर से औपचारिक कार्रवाई की.
मृतिका अंजलि के परिजनों और ग्रामीणों की मांग है कि पूरा मामला श्वेता अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से जुड़ा हुआ है इसलिए यहां की संचालक डॉक्टर मनियारो कुजूर के विरुद्ध उचित कार्रवाई होना चाहिए। इसी अस्पताल से संबंधित एक अन्य डॉक्टर तृप्ति मरकाम पर भी लोग कार्रवाई चाहते हैं। पिछले दिनों सांकेतिक प्रदर्शन होने पर प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया था जिसके बाद लोगों ने अल्टीमेटम दिया और यहां से हट गए। उन्होंने अपनी घोषणा के अंतर्गत श्वेता हॉस्पिटल के सामने आज मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया। इस वजह से संबंधित रास्ते पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई। प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए मौके पर पुलिस बल लगाया गया.
15 दिनों के लिए किया सील, संतुष् नही ग्रामीण
इससे पहले प्रशासन द्वारा प्रकरण की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में एक 7 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई थी। 7 दिन के भीतर उसे अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था। दूसरी जिला प्रशासन ने एक दिन पहले ही श्वेता हॉस्पिटल पर 20000 की पेनल्टी लगे और फिर 15 दिन के लिए इसके लाइसेंस को निलंबित कर दिया। यहां के मरीजों को 3 दिन के भीतर दूसरी जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए। इस कार्यवाही से लोग संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि अस्पताल की संचालक पर उन्हें एक्शन चाहिए.
