प्राकृतिक जलप्रपात, घने वन और धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है माॅ सियादेवी नारागांव
आकाशवाणी.इन
छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से आते हैं यहाॅ वर्षभर पर्यटक, रामायण काल से जुड़ी है यहाॅ की गाथा
बालोद,04जनवरी 2025 .प्रकृति की गोद में स्थित माँ सियादेवी नारागाँव, बालोद जिले के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में जाना जाता है.यह स्थान प्राकृतिक जलप्रपात, घने वन, धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्थल के रूप में काफी प्रसिद्ध है.यहाॅ प्रतिदिन आने वाले पर्यटक माॅ सियादेवी का आर्शीवाद लेने के साथ ही प्रकृति की खूबसूरती से भरपूर इस स्थान का आनंद उठाते हुए अपना एक दिन सफल करते हुए बहुत सी खूबसूरत यादों को समेट कर वापस यहां लौटने की इच्छा लेकर जाते है.
इस स्थान ने अपनी प्राकृतिक सुंदरता से छत्तीसगढ़ में पर्यटन के क्षेत्र में अपनी अलग ही पहचान बनाई है. बालोद जिले के ग्राम नारागांव के समीप स्थित यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है.यहाॅ चारों ओर घने जंगल हैं.तो वहीं प्राकृतिक झरने की समधुर आवाज एक रोमांच पैदा कर देती है.सियादेवी जलप्रपात बारिश के दिनों में अपने रौद्र रूप में नजर आता है.जब यहाॅ पानी की मात्रा अत्यधिक होती है.जलप्रपात से गिरने वाले पानी की आवाज और दृश्य का संगम इस जगह को पर्यटकों के लिए बहुत ही रोमांचकारी बना देता है.
सियादेवी मंदिर के पुजारी नानिक राम कोर्राम ने इस स्थान के बारे में प्रचलित मान्यता के बारे में बताया कि वनवास काल में भगवान श्रीराम और लक्ष्मण, देवी सीता को ढूंढते हुए यहां आए थे.उनकी निष्ठा के परीक्षण के लिए माता पार्वती ने माता सीता के रूप में भगवान राम की परीक्षा ली.लेकिन भगवान राम ने उन्हें पहचान लिया और मां के रूप में संबोधन किया.माता पार्वती को इस घटना से अपराध बोध हुआ.उन्होंने इस संबंध में भगवान शिव को बताया और क्षमा मांगी तब शिवजी ने मां पार्वती को देवी सीता के अवतार में इसी स्थान में विराजमान होने के लिए कहा.तभी से यह स्थान सिया देवी माता के नाम से जाना जाता है.उन्होंने बताया कि यहां बहुत सी धार्मिक एवं आध्यात्मिक मान्यताएं हैं. वर्षभर यहाॅ पर्यटक आते हैं.लेकिन नवरात्र के समय में यहाॅ हजारों श्रद्धालुओं का आना होता है.यहाॅ पहुंचे पर्यटक साकेत श्रीवास्तव ने बताया कि वे खैरागढ़ से यहाॅ आए हैं.उन्हें यहाॅ की प्राकृतिक सुंदरता और मा सियादेवी का मंदिर देखकर काफी खुशी मिली है.उन्होंने बताया कि यहाॅ अच्छा पर्यटन को विकसित करने बेहतर कार्य किया गया है.सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं देखकर अच्छा लगा.
इसी प्रकार यहाॅ महाराष्ट्र के भण्डारा से पहुॅचे पर्यटक वसंतराव ने बताया कि वे पहली बार इस स्थान पर आए हैं.उन्हें यह स्थान बहुत ही अच्छा लगा.घुमने और प्राकृतिक खुबसुरती का आनंद लेने के लिए यह बहुत ही उपयुक्त स्थान है.जिला प्रशासन बालोद और पर्यटन विभाग द्वारा माॅ सियादेवी नारागांव में पर्यटन को बढ़ावा देने मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.यहाॅ सीसीरोड, बेरिकेट, सीढ़ियाॅ, पेयजल, शौचालय, सोलर लाईट, शेड, भवन सहित बैठक आदि की भी व्यवस्था है. ओनाकोना में रायपुर,धमतरी, बालोद से आसानी से पहुॅचा जा सकता है.बालोद जिले के ग्राम सांकरा क से लगभग 08 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम नारागांव होते हुए यहाॅ पहुॅचा जा सकता है.
