वापस दिल्ली लौटा राहुल और प्रियंका गांधी का काफिला, नहीं मिली संभल जाने की इजाजत, नेता प्रतिपक्ष ने कहा – यह नया भारत है, यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है
आकाशवाणी.इन
वापस दिल्ली लौटा राहुल और प्रियंका गांधी का काफिला,नहीं मिली संभल जाने की इजाजत, नेता प्रतिपक्ष ने कहा – यह नया भारत है,यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है
दिल्ली,04 दिसंबर 2024। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने गाजीपुर बार्डर पर रोक लिया है,वह अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली से संभल जा रहे थे,उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी,जिसके बाद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी समेत हजारों कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता वापस दिल्ली की ओर रवाना हो गए हैं,कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
राहुल गांधी ने कहा –
“हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस इजाजत नहीं दे रही है। विपक्ष के नेता के तौर पर जाना मेरा अधिकार है लेकिन फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं,मैंने कहा कि मैं अकेले जाने को तैयार हूं,मैं पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं लेकिन वे इस पर भी राजी नहीं हुए,अब वे कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिनों में वापस आते हैं, तो वे हमें जाने देंगे,यह विपक्ष के नेता के अधिकारों के खिलाफ है,उन्हें मुझे जाने देना चाहिए,यह संविधान के खिलाफ है, हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं,लोगों से मिलना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ,मुझे मेरे संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं,यह नया भारत है,यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है,हम लड़ते रहेंगे,
प्रियंका गांधी ने कहा-न
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं,संभल जाना उनका संवैधानिक और नैतिक अधिकार है,उन्हें वहां जाने की इजाजत मिलनी चाहिए,गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोकने वाली पुलिस को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि हिंसा प्रभावित परिवारों से नेता प्रतिपक्ष को क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने मंगलवार को संभल जाकर हिंसा में मरने वाले लोगों के परिवार से मुलाकात करने जाने का ऐलान किया थाजिसके बाद संभल प्रशासन ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था,साथ ही दिल्ली से सटे तमाम जिलों को यह आदेश दिया गया था कि किसी भी हालत में राहुल गांधी समेत अन्य नेता संभल ना आ पाए,संभल प्रशासन ने 10 दिसंबर तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को हिंसाग्रस्त इलाके में जाने की मनाही है,
