शिव जी मंदिर का भस्म को शरीर पर लगाने से शरीर रोग मुक्त हो जायेगा-प्रदीप मिश्रा
आकाशवाणी.इन
कुरूद, भगवान भोले नाथ में चढ़ा हुआ जल हमारा बदले कल, शिव जी मंदिर का भस्म को शरीर पर लगाने से हमारा शरीर रोग मुक्त हो जायेगा। देवो के देव महादेव की कृपा अटूट है जो हर भक्त के कष्ट को दूर करते है। शरीर का श्वांस के कुछ पल को भगवान शिव जी स्मरण करने आपके शरीर का श्वांस शुद्ध और पवित्र हो जाता है। उक्त बाते गौरीशंकर शिव महापुराण कथा के तृतीय दिवस कथा व्यासपीठ से पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने मुखारविंद से अपारजन श्रोताओं कहीं।
स्व हीरालाल शर्मा श्रीधर की पुण्य स्मृति में कमलादेवी श्रीधर एवं श्रीधर परिवार द्वारा आयोजित गौरीशंकर शिव महापुराण के तृतीय दिवस कथावाचक भागवत भूषण पंडित पदीप मिश्रा ने श्री शिवाय नमस्तुभ्यम से कथा प्रारंभ करते हुये कहा कि 21600 श्वांस मे से थोडी सी श्वांस को शिव जी की स्मरण करने और उच्चारण मात्र से देवो के देव महादेव शरीर को पवित्र कर देता है। शिव जी की भस्म को धारण और जल का आचनम करने से बीमारी दूर हो जाते है और कष्ट मिट जाता है। इस जीवन का क्या भरोसा इसलिये यहां छत्तीसगढ के अन्य जिला एवं अन्य राज्यो से शिव भक्त कथा श्रवण करने पहुंचे। आप चिंता न करे आप कथा स्थल में रसपान करने से आपके उपर भोले नाथ की कृपा है।
नारायणपुर की मोहिनी देवांगन ने पत्र व्यवहार के माध्यम से बताया कि मेरे बच्ची 3 साल नीट की परीक्षा देने के बाद वे पूरी तरह से निराश हो गया था जिसने चैथी बार भगवान भोले नाथ जी के प्रति आस्था रख विश्वास के साथ नीट का परीक्षा दिलाया और सफल हो गया। वे रायपुर के मेडिकल कालेज में सेलेक्ट हुई और डाॅक्टरी की पढ़ाई कर रही है।
शिव महापुराण कथा में शिव और पार्वती की सुंदर और आकर्षक झांकी तैयार की गई जिसे देखगण श्रद्धालुगण भाव विभोर हो गये और पूरा कथा स्थल माता गौरी और जय शिवशंकर की जयकारा से गुंजायमान हो गया।
शिव महापुराण कथा के तृतीय दिवस प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नि श्रीमति कौशल्या देवी साय ने पहुंचकर कथा का रसपान किया। कथा का रसपान करने लाखो की संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचकर रसपान किया। कथा का रसपान करने उमड़ी जन सैलाब। कुरूद नगर सहित अंचल शिवमय हो गया। कथा श्रवण करने विधायक अजय चंद्राकर, धर्मपत्नि श्रमति प्रतिभा चंद्राकर, कमला देवी शर्मा, प्रकाश शर्मा, उर्मिला, रतन, उमा, वृद्धि, प्रयास, अश्वनी शर्मा भाठापारा, बंटी दुर्ग, सत्यप्रकाश नेवरा, भूपेंद्र चंद्राकर, अशोक पवार, रमेश केला, बसंत सिन्हा, चंद्रशेखर चंद्राकर, भानू चंद्राकर, राजेश पवार, जितेंद्र अग्रवाल, दीपक गांधी, पंकज नायडु, मूलचंद सिन्हा, भारत भूषण पंचायन, कृष्णकांत साहू, नवल केला, चंदन शर्मा, अशोक साहू, श्याम साहू, आदि उपस्थित थे।
