Monday, June 16, 2025
CHATTISGARHRahul Vermaआकाशवाणी.इनकवर्धा

कलेक्टर ने बच्चों को एलबेंडाजोल की गोली खिलाकर कृमि मुक्ति के लिए अभियान का शुरुआत की

आकाशवाणी.इन

कबीरधाम जिले में 3 लाख 83 हजार 559 बच्चो को दी जाएगी एलबेंडाजोल की खुराक

कवर्धा, कलेक्टर महोबे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर आज शनिवार को कवर्धा के मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को कृमि नाशक “एलबेंडाजोल“ गोली की खुराख खिलाकर अभियान की शुरुआत की। उन्होंने जिले के शत प्रतिशत बच्चों को एलबेंडाजोल की खुराक निर्देश दिए है। बच्चों में बढ़ते कुपोषण की रोकथाम शारीरिक व मानसिक विकास के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है।

कार्यक्रम के तहत 1 से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को आंगनबाड़ी केंद्रों सरकारी व निजी विद्यालयों में एलबेन्डाजोल गोली (पेट के कीड़े मारने की दवा) निःशुल्क खिलाई जाएगी। इसके बाद 15 फरवरी को मॉप अप दिवस मनाया जाएगा। इस 10 अगस्त को छूटे हुए बच्चों को एलबेंडाजोल गोली खिलाई जाएगी। इन अवसर पर सीएमएचओ डॉ बीएल राज, शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ सलिल मिश्रा, महिला व बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आनन्द तिवारी, डीपीएम सृष्टि शर्मा सहित स्वास्थ्य विभाग के विभागीय अमले उपस्थित थे।

सीएमएचओ डॉ बी एल राज ने बताया कि जिले में लगभग 3 लाख 83 हजार 559 बच्चों को डिवार्मिंग गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 से 2 वर्ष तक के बच्चे को ऐल्बेण्डाजोल 400 एमजी की आधी गोली को दो चम्मच के बीच में रखकर चूरा करके स्वच्छ पीने के पानी में घोलकर पिलाई जाएगी एवं 2 से 6 साल के बच्चे को 1 गोली चबाकर खाने को दी जाएगी। जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं उन्हें भी आंगनबाड़ी केन्द्रों के मार्फत दवा खिलाई जाएगी। डीपीएम सृष्टि शर्मा ने बताया कि इस अभियान के तहत सभी बच्चों को एलबंडाजोल की खुराक देने के लिए कार्ययोजना अनुरूप मितानिन, ऑगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं स्वास्थ्य अमले को प्रशिक्षण दिया गया है। अभियान में शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

दवा पूर्णत सुरक्षित :

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ सलिल मिश्रा शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि यह दवा पूर्णत: सुरक्षित है। जो बच्चे स्वस्थ दिखें उन्हें भी ये खिलाई जानी है क्योंकि कृमि संक्रमण का प्रभाव कई बार बहुत वर्षों बाद स्पष्ट दिखाई देता है। दवा से पेट के कीड़े मरते हैं, इसलिए कुछ बच्चों में जी मिचलाना उल्टी या पेट दर्द जैसे सामान्य छुट पुट लक्षण हो सकते हैं, लेकिन ये सामान्य व अस्थाई हैं। जिन्हें आंगनबाड़ी व विद्यालय में संभाला जा सकता है। सामान्य बीमार बच्चों को भी दवा दी जा सकती है। दवा लेने के बाद कृमिमुक्त हो जाते है जिससे अच्छे से भूख लगती है खून की कमी दूर होती है। पढ़ने मे मन लगता है शरीर में उर्जा महसूस होती है। बौद्धिक क्षमता बढती है। 1 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों के लिए अत्यंत ही लाभकारी कार्यक्रम है।

खुले में नहीं करें शौच :

कृमि संक्रमण से बचाव के लिए खुली जगह में शौच नहीं करना चाहिए। खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए और फलों और सब्जियों को खाने से पहले पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। नाखून साफ व छोटे रहें साफ पानी पीएं खाना ढक कर रखें और नंगे पांव बाहर ना खेलें और जूते पहनकर रखें।