सुर्खियों में साजापानी: फर्जीवाड़े की पोल खोलने RTI से निकला जिन्न: पूर्व व वर्तमान जांच प्रतिवेदन में उल्लेखनीय बिल, राशि, कार्य वर्ष, व वाउचर नंबर आदि में है असमानता
कोरबा/ आकाशवाणी.इन
छत्तीसगढ़ मानव अधिकार जेजेएफ के प्रदेश सदस्य शिवचरण चौहान ने कलेक्टर को सौंपा शिकायत पत्र
कोरबा। ग्राम पंचायत साजापानी में हुए कार्यो में भ्रष्टाचार की शिकायत छत्तीसगढ़ मानव अधिकार जेजेएफ के प्रदेश सदस्य शिवचरण चौहान ने कलेक्टर की है। श्री चौहान ने फर्जी बिल को लेकर सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इसमे पूर्व की जांच व वर्तमान जांच प्रतिवेदन में उल्लेखनीय बिल, राशि, कार्य वर्ष, व वाउचर नंबर आदि में असमानता पाई गई है. जो भ्रष्टाचार की शिकायत को और भी पुख्ता करता नज़र आ रहा है.
भ्रष्टाचार की पोल खोलने सूचना के अधिकार में फर्जी बिल मामले का जिन्न बाहर आ गया है। सूचना के अधिकार में फर्जी बिल का खुलासा हुआ है, जो चौकाने वाला है। इसे लेकर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच खलबली मच गई है.
छत्तीसगढ़ मानव अधिकार जेजेएफ के प्रदेश सदस्य एवं अधिवकता शिवचरण चौहान द्वारा साजापानी में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत पूर्व में की गई थी। उन्होंने शिकायत में कहा था कि ग्राम पंचायत साजापानी में फर्जी बिल की शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ नूतन कंवर ने जांच के आदेश दिए थे। फर्जी बिल को रोजगार सहायक व तत्कालीक सरपंच ने भी स्वीकार किया था। उन्हें बचाने के लिए जिला पंचायत सीईओ ने पुनः जांच के आदेश जारी कर दिए। 2015-16 से 2018-19 तक हुए कार्यो में कुल 47 नग बिल एवं राशि 4310200 रूपए का उपयोग होना पाया गया, लेकिन 175000 रूपए खानापूर्ति हेतु वसूली का मामला तैयार कर एफआईआर के निर्देश दिए गए, लेकिन एफआईआर नहीं हुई। श्री चौहान ने सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जिसमें 2015-16 से 2018-19 तक हुए कार्य का कुल 47 नग बिल एवं राशि 4310200 रूपए जय हनुमान ट्रेडर्स काशीरानी चौक कोरबा का बिल पाया गया। 4 अगस्त 2022 में फर्जी फर्म से मिलता जुलता ट्रेडर्स जय हनुमान ट्रेडर्स ग्राम कांशीपानी का 38 नग बिल राशि 3590000 रूपए का लेख किया गया। जबकि 18 नग बिल लगाया गया है। इस तरह फर्जी जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया है। इसी तरह कार्य विवरण में विभिन्न बिल से कुल 2352200 रूपए का उल्लेख है और जांच में जय हनुमान ट्रेडर्स ग्राम कांशीपानी का कुल 18 नग राशि 1490000 रूपए पेश किया गया है। इस जांच प्रतिवेदन में कथित 38 नग बिल में मात्र 18 नग संलग्न किया गया है। शेष बिल एवं राशि को जांच अधिकारी द्वारा संबंधित से षड़यंत्र कर स्पष्ट नहीं किया गया है। 18 नग बिल 2015-16 से 2018-19 के मध्य का न होकर केवल 2018-19 का है। शेष बिल का उल्लेख नहीं है। जोकि अनियमितता हीं नहीं आपराधिक कृत्य है। जो बिल लगाया गया है, उसमें कार्य-व्यय, आहरित राशि में पृथक पृथक व्हाउचर क्रमांक व दिनांक का लेख है। जिसमें स्पष्ट है कि पूर्व जांच प्रतिवेदन में कूटरचित कर संशोधित जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया है। श्री चौहान ने शिकायत में कहा है कि सूचना के अधिकार में खास जानकारी मिली है। जानकारी के अनुसार 18 नग बिल का अवलोकन मात्र से ही फर्जी बिल का उपयोग होना प्रतीत हो रहा है। दिनांक 30 अक्टूबर 2018, 30 नवंबर 2022, दिनांक 25 जून 2018 व दिनांक 12 अगस्त को इतने अंतराल में सामान के क्रय विक्रय का बिल क्या विश्वसनीय है? श्री चौहान ने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी को फर्म जय हनुमान ट्रेडर्स ग्राम कांशीपानी के संचालक का कथन दर्ज करने, उसका बैंक स्टेटमेंट, क्रेता द्वारा भुगतान की विधि, के बिंदु की जांच करने हेतु निवेदन किया। उन्होंने कहा कि जैसा जिला पंचायत सीईओ निर्देश दिए है, उसी आधार पर जांच होगी। आपके हिसाब से जांच नहीं होगी। इस तरह 47 नग बिल एवं राशि 4310200 रूपए का बिना कार्य के फर्जी फर्म का बिल लगाकर फर्जीवाड़ा किया गया है। श्री चौहान ने आरोप लगाया कि फर्जी बिल को गायब कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच आवश्यक है। इस कार्य में जिला पंचायत कोरबा, जनपद पंचायत करतला स्तर के संबंधित अधिकारी संलिप्त हैं। फर्जी फर्म पर एफआईआर दर्ज कराई जाए.
